Kolkata Doctor Case: हमले के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने दर्ज नहीं कराई रिपोर्ट, पुलिस ने लिया स्वत: संज्ञान

Kolkata Doctor Case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने यहां आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की घटना को बृहस्पतिवार को नागरिक समाज के लिए शर्म की बात करार दिया जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना के लिए मार्क्सवादी कमयुनिस्ट पार्टी (माकपा)- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया।

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अस्पताल पर हमला करते हुए असमाजिक तत्व

Kolkata Doctor Case: कोलकाता डॉक्टर रेप केस में एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि अस्पताल पर हमले के बाद भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कोई कंप्लेन दर्ज नहीं कराई है। पुलिस ने हमले के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और एफआईआर दर्ज की है।

रेप मामले में भी अधिकारियों का लापरवाही

रिपोर्ट्स के अनुसार अस्पताल पर बड़े पैमाने पर हमले के बाद भी अधिकारियों ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की है। पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए तीन मामले दर्ज किए हैं। बलात्कार और हत्या के मामले में भी उन्होंने यही किया और तब तक शिकायत दर्ज नहीं की जब तक पीड़िता के माता-पिता ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई।

बीती रात हुआ था हमला

बीती रात आरजी मेडिकल कॉलेज में उपद्रवियों ने हिंसा की। करीब 40 से ज्यादा उपद्रवियों ने कॉलेज में जमकर तोड़फोड़ की। चश्मदीदों के अनुसार, सभी उपद्रवी वहां जाना चाहते थे, जहां महिला डॉक्टर के साथ रेप और उसके बाद हत्या हुई थी। वह जिस तरह से तोड़फोड़ कर रहे थे, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि वह घटनास्थल से सबूत मिटाना चाहते थे। चश्मदीदों का आरोप है कि जिस दौरान कॉलेज में तोड़फोड़ की जा रही थी, उस दौरान पुलिस तमाशा देखती रही। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की। चश्मदीदों के अनुसार, उन्होंने कॉलेज में इससे पहले कभी ऐसी गुंडागर्दी नहीं देखी।

सीबीआई की जांच जारी

बंगाल के कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को दी गई है। गुरुवार को सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम पीड़िता के घर गई। सीबीआई ने पीड़िता के माता-पिता से पूछताछ की। पूछताछ के बाद जांच टीम बाहर आ गई।

डॉक्टर के साथ रेप

पिछले दिनों कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी। अस्पताल के कर्मचारियों ने दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल की आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर उनका शव देखा था। इस केस को लेकर राज्य की टीएमसी सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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