चंद्रयान 3: स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दो, रोज ही आकाश चढ़ते आ रहे है हम..! कुमार विश्वास ने की ISRO की तारीफ

chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) आज (23 अगस्त) शाम को चंद्रमा की सतह पर लैंड करने जा रहा है। इस खुशी में इसरो की तारीफ करते हुए मशहूर कवि कुमार विश्वास कहा कि स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दो, रोज ही आकाश चढ़ते आ रहे है हम..!

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कुमार विश्वास ने चंद्रयान 3 मिशन की तारीफ की

chandrayaan 3 Landing: भारत इतिहास रचने के करीब है क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) आज (23 अगस्त) शाम को चंद्रमा की सतह को छूने को तैयार है। ऐसा होने के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा, जो अब तक अनछुआ रहा है। एलएम में लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं जो बुधवार को शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के निकट उतरने वाला है। इससे पहले इसरो को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीम इसरो पर गर्व है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दो, रोज ही आकाश चढ़ते आ रहे है हम..! Chandrayaan 3 Landing LIVE

इससे पहले इसरो ने मंगलवार को लैंडर पर मौजूद कैमरों द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें शेयर कीं और कहा कि अभियान तय समय के मुताबिक चल रहा है। सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है। चंद्रयान-3 सुगमता से लगातार आगे बढ़ रहा है। ‘मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स’ (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा है। अगर चंद्रयान-3 अभियान चंद्रमा की सतह को छूने में और चार साल में इसरो के दूसरे प्रयास में रोबोटिक लूनर रोवर को लैंड करने में सफल रहता है तो भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में टैक्नोलॉजी में महारत रखने वाला अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है और इसका उद्देश्य चांद की सतह पर सुरक्षित और आसानी से लैंडिंग करना, चंद्रमा पर घूमना और वैज्ञानिक प्रयोग करना है। चंद्रयान -2 अपने अभियान में विफल रहा था क्योंकि इसका लैंडर ‘विक्रम’ सात सितंबर, 2019 को लैंडिंग का प्रयास करते समय लैंडर के ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी आ जाने के कारण सतह पर उतरने से कुछ मिनट पहले चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चंद्रयान का पहला अभियान 2008 में हुआ था। 600 करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान-3 अभियान लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) रॉकेट के जरिए 14 जुलाई को शुरू हुआ था और आज तक इसने 41 दिन का सफर तय कर लिया है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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