कांग्रेस नेता जयराम रमेश।
Emergency : कांगेस के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने 1975 के आपातकाल को लेकर बुधवार को भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में बीते 11 वर्षों से अघोषित रूप से आपातकाल लागू है। उन्होंने कहा कि 'बीते 11 साल और 30 दिन से भारतीय लोकतंत्र एक व्यवस्थागत एवं खतरनाक हमले का शिकार होता आया है। इसे 11 साल का अघोषित आपातकाल कहना सबसे ज्यादा उपयुक्त होगा।' देश पर 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में भाजपा देश भर में 'संविधान हत्या दिवस' मना रही है। इसके खिलाफ कांग्रेस नेता ने ये बातें कहीं।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए 'संविधान हत्या दिवस' मनाने का नाटक कर रही है। उन्होंने दावा किया कि वह आपातकाल तो खत्म हो गया, लेकिन मोदी सरकार में 'अघोषित आपातकाल' है। खरगे ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही आज संविधान संकट में है। खरगे ने संवादाताओं से कहा, 'अब ये संविधान बचाओ की बात कर रहे हैं। आपातकाल के 50 साल पूरा होने के बाद उसे दोहरा रहे हैं।'
उन्होंने भाजपा के वैचारिक पूर्वजों का हवाला देते हुए कहा कि जिनका आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, जिनका संविधान के निर्माण कोई योगदान नहीं रहा, जो हमेशा संविधान के खिलाफ बात करते रहे, जिन लोगों ने बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को रामलीला मैदान में जलाया, उन्हें अब सदबुद्धि आई। खरगे ने दावा किया, 'हम एक साल से संविधान बचाओ यात्रा निकाल रहे हैं, उससे भाजपा घबरा गई है।' उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार शासन में नाकाम रही। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, नोटबंदी और काले धन के मामले में भी विफल रही।
उन्होंने दावा किया कि विफलताओं को छिपाने के लिए यह नाटक रचा गया है। खरगे ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'आपातकाल तो आप लाए हैं। वो आपातकाल खत्म हो गया, लेकिन आज तो अघोषित आपातकाल है।' उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में निर्वाचन आयोग कठपुतली बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे उल्लंघन किया गया। उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाला गया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।