महिलाओं में होने वाले 3 मेजर हेल्थ प्रोब्लेम, जिसे हर महिला को जरूर जानना चाहिए

women’s health: महिला हो या पुरूष दोनों को ही एक उम्र के बाद कुछ परेशानियों और बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन वीमन्स में होने वाली कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं जो नॉर्मल हैं, लेकिन अगर ध्यान ना दिया जाय तो परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए उन्हें खुद के हेल्थ और बॉडी पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि महिलाओं में ये समस्याएं कभी भी हो सकती हैं।

महिलाओं में होने वाले 3 मेजर हेल्थ प्रोब्लेम, जिसे हर महिला को जरूर जानना चाहिए

ज्यादातर महिलाओं को इन बीमारियों होता है खतरा

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • वीमन्स में होने वाली कुछ कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में जानें
  • महिलाओं को इन अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए
  • कुछ गंभीर बीमारियां महिलाओं में किसी भी उम्र के पड़ाव पर हो सकती हैं

Women’s health: पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अपने खान-पान व सेहत पर कम ध्यान देती हैं। किशोरियों को 13 से 14 वर्ष की उम्र से ही मासिक धर्म शुरू हो जाता है, जिसके दौरान शरीर में बहुत सारे तत्वों की कमी हो जाती है, जिसकी भरपाई के लिए महिलाओं को खान-पान का खास ख्याल रखना पड़ता है। महिलाओं को प्रेग्नेंसी से लेकर बच्चा पैदा करने तक अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान देना होता है क्योंकि उनके शरीर से बना हुआ एक बच्चा उनके गर्भ में तैयार हो रहा होता है। इस दौरान महिलाओं की हड्डियों पर खास फर्क पड़ता है।

महिलाओं में होने वाले तीन मेजर हेल्थ प्रॉब्लम्स जिन्हें हर महिला को जरूर जानना चाहिए-

1. ब्रेस्ट कैंसर

स्तन महिलाओं के शरीर का एक अहम अंग है। ब्रेस्ट का काम अपने टिशू से दूध बनाने का होता है। यह टिशु वह छोटी-छोटी कैपिलरीज से रिप्पल से जुड़े होते हैं। इन कैपिलरीज/ वाहिनयों में जब सख्त कण जमा होने लगते हैं या ब्रेस्ट के टिशू में गांठ बनती है तो कैंसर बढ़ने लगता है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-

  • स्तन या बाहों के नीचे ठोस गांठ होना।
  • स्तन के आकार में बदलाव होना, जैसे ब्रेस्ट टेढ़ा- मेढ़ा होना।
  • स्तन या निप्पल में डिंपल यानी की अंदर की तरफ घुसा हुआ।
  • स्तन से खून का आना। ‌
  • महिलाओं को इसके लक्षणों का पता चलने पर जल्द से जल्द जांच करानी चाहिए।

2. ऑस्टियोपोरोसिस

ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी का रोग है, जिसके कारण बोन डेंसिटी या हड्डी के घनत्व में कमी आ जाती है। इस अवस्था में हड्डी बहुत ही नाजुक हो जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप हड्डी के टूटने की संभावना अधिक रहती है। ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम युक्त भोजन का सेवन करना फायदेमंद होता है। शराब, धूम्रपान इत्यादि के सेवन से बचें और अत्यधिक कैफीन का सेवन जैसे-चाय, कॉफी हड्डियों के लिए जहर के समान है।

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण-

  • पीठ दर्द होना।
  • हल्की चोट पर भी फ्रैक्चर होना।
  • शरीर का धीरे-धीरे झुकना।

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3. डिप्रेशन

डिप्रेशन एक गंभीर समस्या ।है यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। ऐसे में डिप्रेशन के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें।

महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण

  • भूख में कमी
  • कांसंट्रेशन एकाग्रता में परेशानी
  • पसंदीदा गतिविधियों में रुचि खत्म हो जाना
  • नींद ना आने की समस्या
  • अनियमित पीरियड्स
सामान्य तौर पर बचपन से किशोरावस्था तक हड्डियां अपने चरम सीमा तक डेवलप हो जाती हैं। 35 से 40 की उम्र के बाद इसके डेंसिटी में कमी आने लगती है मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन लेवल कम होने लगता है, जिसके कारण हड्डियों में बहुत तेजी से नुकसान होता है।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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