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कैंसर के खिलाफ बड़ी उम्मीद, वैज्ञानिकों ने खोजा ऐसा प्रोटीन जो Cancer सेल्स को खुद खत्म करता है

New Bacterial Protein Could Make Cancer Cells Kill Themselves: हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे बैक्टीरिया प्रोटीन की खोज की है, जो कैंसर सेल्स को खुद मरने के लिए प्रेरित करता है। यह खोज कैंसर के इलाज में नई उम्मीद जगाती है और संभावित कम साइड इफेक्ट वाली थेरेपी की दिशा खोलती है। चलिए जानते हैं क्या है ये खास प्रोटीन....

New Bacterial Protein Could Make Cancer Cells Kill Themselves

New Bacterial Protein Could Make Cancer Cells Kill Themselves

New Bacterial Protein Could Make Cancer Cells Kill Themselves: कैंसर आज भी दुनिया भर में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। मगर हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है जो नई उम्मीद की किरण जगा रही है। स्पेन के शोधकर्ताओं ने 'Vibrio cholerae' बैक्टीरिया से एक प्रोटीन 'HapA' की पहचान की है, जो सीधे कैंसर सेल्स को खुद को खत्म करने के लिए प्रेरित करता है। लैब में हुए परीक्षणों में इस प्रोटीन ने ब्रेस्ट, कॉलन और पैन्क्रियाज कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकने में मदद की। यह खोज संभावित रूप से ऐसी थेरेपी की ओर इशारा करती है जिसमें स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान कम हो।

HapA प्रोटीन कैसे करता है कैंसर सेल्स को टारगेट

HapA प्रोटीन विशेष रूप से PAR-1 और PAR-2 रिसेप्टर्स को पहचानता और काटता है। ये रिसेप्टर्स आमतौर पर ट्यूमर के बढ़ने, सूजन और खून जमने में भूमिका निभाते हैं। HapA इन रिसेप्टर्स पर काम करके कैंसर सेल्स में एक प्रक्रिया शुरू करता है, जिससे वे खुद को खत्म कर लेते हैं। इसकी यही विशेषता इसे भविष्य की थेरेपी के लिए अहम बनाती है।

अलग तरीका, कम साइड इफेक्ट की संभावना

मौजूदा कैंसर उपचार अक्सर स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित करते हैं। HapA की टारगेटेड कार्यप्रणाली से यह उम्मीद है कि यह केवल कैंसर कोशिकाओं को ही प्रभावित करेगा, जिससे साइड इफेक्ट काफी कम होंगे।

लैब में हुए परीक्षण और नतीजे

शोधकर्ताओं ने HapA वाले और बिना HapA वाले बैक्टीरिया का प्रयोग किया। हर बार कैंसर सेल्स की मृत्यु केवल HapA मौजूद होने पर हुई। ब्रेस्ट, कॉलन और पैन्क्रियाज कैंसर सेल्स पर किये गए परीक्षणों में भी इसी बात की पुष्टि हुई।

भविष्य की संभावनाएं

इस खोज से पता चलता है कि बैक्टीरिया प्रोटीन कैंसर उपचार के नए तरीके खोल सकते हैं। PAR-1 और PAR-2 रिसेप्टर्स को टारगेट करके यह थेरेपी सटीक और सुरक्षित हो सकती है। हालांकि अभी ये नतीजे सिर्फ लैब में हैं, लेकिन उम्मीद है कि आगे इसका क्लिनिकल उपयोग भी हो सकेगा।

पैथोजेन से नई दवा की खोज

वैज्ञानिकों का मानना है कि रोगजनकों का अध्ययन करके हम ऐसे अचूक अणु खोज सकते हैं जो चिकित्सा में क्रांति ला सकते हैं। HapA इसका बेहतरीन उदाहरण है।

कैंसर के इलाज में HapA प्रोटीन एक नई दिशा दिखा रहा है। यह खोज न केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि मरीजों और उनके परिवारों के लिए भी नई उम्मीद लेकर आई है। आने वाले समय में इसके क्लिनिकल ट्रायल से यह और स्पष्ट हो पाएगा कि यह थेरेपी रोजमर्रा के जीवन में कितनी कारगर होगी।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet
Vineet Author

विनीत टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में फीचर डेस्क के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़े हैं। वे मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। इन्हें हेल्थ, फिटनेस और न्य... और देखें

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