वैदिक काल से ही हमारी थाली का हिस्सा हैं ये चुनिंदा देसी फूड, जो सेहत के लिए हैं किसी अमृत से कम नहीं

Foods That Are Part Of Our Diet Since Vedic Times In Hindi:हमारी डाइट में ऐसे कई देसी फूड हैं जो वैदिक काल से चले आ रहे हैं और ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। ये सिर्फ पोषण नहीं देते, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी कई बीमारियों से लड़ने में भी मददगार हैं। वैदिक काल की यह डाइट आज के दौर में भी अमृत समान साबित हो सकती है बस जरूरत है इन्हें अपनी थाली में फिर से जगह देने की। चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही सुपरफूड्स...

Foods That Are Part Of Our Diet Since Vedic Times

Foods That Are Part Of Our Diet Since Vedic Times

Foods That Are Part Of Our Diet Since Vedic Times In Hindi: आजकल जब हेल्थ और न्यूट्रिशन की बातें होती हैं, तो हम विदेशी फूड ट्रेंड्स के पीछे भागते हैं। लेकिन सच ये है कि हमारी अपनी थाली में वैदिक काल से ही ऐसे देसी खाने शामिल रहे हैं जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। ऋग्वेद, उपनिषद और आयुर्वेद में इन फूड्स का खूब ज़िक्र मिलता है। ये न सिर्फ स्वाद में शानदार हैं, बल्कि शरीर को ताकत देने, रोगों से लड़ने और लंबी उम्र देने में भी मददगार हैं। चलिए, जानते हैं उन 10 देसी फूड्स के बारे में जो हमारी डाइट का हिस्सा सदियों से हैं।

दूध

दूध को वैदिक काल से ही संपूर्ण आहार माना गया है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर किसी के लिए फायदेमंद। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और जरूरी विटामिन्स होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और शरीर को एनर्जी देते हैं।

देसी घी

देसी घी सिर्फ खाना स्वादिष्ट नहीं बनाता, बल्कि पाचन ठीक रखने से लेकर दिमाग को तेज करने तक में मदद करता है। वैदिक यज्ञों में घी का इस्तेमाल इस बात का सबूत है कि ये शुद्ध और शक्तिशाली चीज है।

शहद

शहद यानी मधु को आयुर्वेद में अमृत जैसा माना गया है। ये गले की खराश हो या स्किन की दिक्कत, शहद हर जगह काम आता है। साथ ही ये इम्यूनिटी भी मजबूत करता है।

दालें

मूंग, मसूर और उरद जैसी दालें हमारे खानपान में हमेशा से रही हैं। ये शरीर को जरूरी प्रोटीन देती हैं और पाचन में भी हल्की होती हैं, इसलिए हर उम्र के लोग इन्हें आराम से खा सकते हैं।

चावल और जौ

चावल और जौ को वैदिक ग्रंथों में सात्त्विक भोजन बताया गया है। चावल जहां हल्का और ऊर्जा देने वाला है, वहीं जौ पाचन को सुधारता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।

मोटे अनाज

बाजरा, रागी और कोदो जैसे मोटे अनाज अब भले ही फिर से चर्चा में आए हों, लेकिन ये तो वैदिक काल से हमारी थाली में हैं। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं।

देसी फल

आंवला, बेल, जामुन जैसे फल पहले जंगलों से सीधे थाली में आते थे। इन फलों में ढेर सारा विटामिन C होता है और ये शरीर को ठंडक भी देते हैं, साथ ही बीमारियों से लड़ने की ताकत भी।

मसाले

हल्दी, अदरक, दालचीनी जैसे मसाले ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि इनके औषधीय गुण शरीर को अंदर से दुरुस्त रखते हैं। ये हर रसोई की शान और सेहत की ढाल हैं।

दही

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दही को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। ये पेट को ठंडक देती है, पाचन सुधारती है और अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखती है। गर्मियों में तो ये किसी वरदान से कम नहीं।

तेल

सरसों, तिल और नारियल का तेल खाना पकाने और बॉडी मसाज दोनों में इस्तेमाल होता रहा है। ये तेल दिल, त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद हैं और शरीर को अंदर से पोषण देते हैं।

आज जब हेल्दी खाने की दौड़ चल रही है, तो हमें अपनी जड़ों की तरफ देखना चाहिए। ये देसी फूड्स सदियों से हमारी थाली में हैं और आज भी उतने ही असरदार हैं। बस इन्हें अपनाने की जरूरत है, इससे स्वाद के साथ सेहत भी मिलेगी।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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