भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का लोन, IMF ने बताई वजह, जानिए क्या होती हैं शर्तें
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को हालिया सहायता को मंजूरी दे दी, जबकि भारत को आशंका है कि इस धनराशि का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए किया जा सकता है।

पाकिस्तान को आईएमएफ लोन क्यों?
IMF Loan to Pakistan: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि उसके कार्यकारी बोर्ड ने इस महीने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की सहायता दी है, क्योंकि उसे पता चला है कि देश ने सभी शर्तें और लक्ष्य पूरे कर लिए हैं। IMF के संचार विभाग की निदेशक जूली कोजैक ने कहा कि आईएमएफ ने पिछले साल सितंबर में पाकिस्तान को दी गई विस्तारित कोष सुविधा (EFF) की समीक्षा की और उसके आधार पर बोर्ड ने नौ मई को राशि को मंजूरी दी। आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को हालिया सहायता को मंजूरी दे दी, जबकि भारत को आशंका है कि इस धनराशि का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए किया जा सकता है।
राजनाथ सिंह ने उठाया था सवाल
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 मई को आईएमएफ पर वित्तीय सहायता पर पुनर्विचार करने का दबाव डाला और कहा कि इस्लामाबाद इसका एक बड़ा हिस्सा आतंकवादी ढांचे को वित्तपोषित करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। कोजैक ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पिछले साल सितंबर में पाकिस्तान के ईएफएफ कार्यक्रम को मंजूरी दी थी और उस समय पहली समीक्षा 2025 की पहली तिमाही के लिए निर्धारित की गई थी।
IMF ने कहा, समीक्षा के बाद दी मदद
उन्होंने कहा कि समीक्षा पूरी होने के बाद हालिया सहायता प्रदान की गई। साथ ही, कोजैक ने कहा कि स्थापित कार्यक्रम शर्तों से कोई भी विचलन पाकिस्तान कार्यक्रम के तहत भविष्य की समीक्षाओं को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, मैं यहां इस बात पर ज़ोर देना चाहती हूं कि यह कार्यक्रमों के तहत एक मानक प्रक्रिया का हिस्सा है कि हमारा कार्यकारी बोर्ड ऋण कार्यक्रमों की प्रगति का आकलन करने के लिए समय-समय पर समीक्षा करता है।
क्या-क्या होती हैं शर्तें
- आईएमएफ अधिकारी ने कहा, बोर्ड विशेष रूप से इस बात पर ध्यान देता है कि क्या कार्यक्रम सही दिशा में चल रहा है?
- क्या कार्यक्रम के अंतर्गत शर्तें पूरी हो गई हैं?
- क्या कार्यक्रम को वापस सही दिशा में लाने के लिए कोई नीतिगत परिवर्तन जरूरी है?
अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान के मामले में, हमारे बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने वास्तव में सभी लक्ष्य पूरे कर लिए हैं। उसने कुछ सुधारों पर प्रगति की है। इसी कारण, बोर्ड ने आगे बढ़कर कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान के मामले को सामान्य रूप से समझाते हुए उन्होंने कहा कि ईएफएफ के अंतर्गत प्राप्त सभी धनराशियां केंद्रीय बैंक के भंडार में आवंटित की जाती हैं।
पाकिस्तान पर 11 शर्तें लगाईंं
भारत-पाक तनाव के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के लिए एक अरब डॉलर के लोन को मंजूरी दी थी। लेकिन बाद में आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 नई शर्तें लगा दी थीं। IMF ने पाकिस्तान पर जून 2025 के अंत तक कार्यक्रम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समझौते के अनुरूप वित्त वर्ष 2026 के बजट को संसदीय मंजूरी दिलाने की शर्त लगाई है।
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