अभेद्य हैं भारत के एयर डिफेंस सिस्टम, हवाई खतरों को आसमान में ही कर देते हैं ध्वस्त, दुश्मन हो जाते हैं पस्त

Indian Air Defence Systems : 8-9 मई की रात पाकिस्तान ने लेह से लेकर सरक्रीक तक 36 जगहों पर करीब 400 ड्रोन हमले किए लेकिन उसके इन सभी हमलों को भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने हवा में ही मार गिराते हुए उसके मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। भारत ने लाहौर में उसके एयर डिफेंस सिस्टम को क्षति पहुंचाई।

Indian Defence System

हवाई हमलों से सुरक्षा करते हैं एयर डिफेंस सिस्टम।

Indian Air Defence Systems : बीते 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला और आतंकवादी ढांचों को खत्म करने के लिए भारत ने छह-सात मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इस ऑपरेशन के तहत अपने हवाई हमलों से भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में पांच और पाकिस्तान के पंजाब में चार यानी कुल 9 जगहों पर आतंक के ढांचे, नेटवर्क और लॉन्च पैड्स को पूरी तरह से ध्वस्त और बर्बाद कर दिए। आतंक के जिन ढांचों को निशाना बनाया गया उनमें लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के मुख्यालय भी हैं। आतंक के इस नेटवर्क पर भारत की करारी चोट से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया। हताशा और निराशा में 7 मई की रात से वह भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाने लगा। श्रीनगर, जम्मू, राजौरी, पुंछ, कुपवाड़ा से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर उसने हमले किए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के इन हमलों को हवा में ही नाकाम तो किया ही, उसे सबक सिखाने और उस पर पलटवार करते हुए आठ मई की रात लाहौर में उसके एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य जगहों पर उसकी रडार प्रणाली को ध्वस्त कर उसे भारी क्षति पहुंचाई।

36 जगहों पर करीब 400 ड्रोन हमले

अपने ड्रोन और मिसाइल हमलों में मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के साथ आगे बढ़ता रहा। 8-9 मई की रात उसने लेह से लेकर सरक्रीक तक 36 जगहों पर करीब 400 ड्रोन हमले किए लेकिन उसके इन सभी हमलों को भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने हवा में ही मार गिराते हुए उसके मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। रिपोर्टों के मुताबिक भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान ने अपने फाइटर जेट जेएफ-17, एफ-16, जे-10 सी फाइटर जेट, तुर्की निर्मित सोंगर ड्रोन, हत्फ-2 मिसाइल, एचक्यू-9 एयर डिफेंस और पीएल-15 मिसाइल का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान के इन हवाई हमलों को नाकाम होना यह साबित करता है कि भारतीय वायु रक्षा प्रणालियां किसी भी चुनौती एवं खतरों का सामना करने और उन्हें जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के हवाई हमलों को धाराशायी करने के लिए भारत ने S-400 सहित स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया। पाकिस्तानी हमलों को नाकाम करने वाले भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की हम यहां चर्चा करेंगे-

S-400, बेहतरीन और घातक एयर डिफेंस सिस्टम

रूस निर्मित S-400 की गिनती दुनिया के बेहतरीन और सबसे घातक एयर डिफेंस सिस्टम में होती है। भारत ने इस सिस्टम को खरीदने के लिए रूस के साथ साल 2018 में 5 अरब डॉलर की डील की। रूस अब तक S-400 के कई खेप भारत भेज चुका है और भारत में अलग-अलग जगहों पर इनकी तैनाती भी हो गई है। कोविड-19 संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत को अभी सभी S-400 नहीं मिल पाए हैं। इसे भारत का 'सुदर्शन चक्र' कहा जाता है। इसमें लगीं छोटी, मध्यम और लंबी दूरी वाली सतह से हवा में मार करने वालीं मिसाइलें ड्रोन, एयरक्रॉफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों एवं खतरों को पहचान कर उन्हें हवा में ही नष्ट कर देती हैं।

S-400 की मिसाइलें और उनकी रेंज

  • 40N6E : इस मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर तक है। यह 30 से 35 किलोमीटर की ऊंचाई पर खतरे को इंटरसेप्ट कर लती है।
  • 48N6DM/48N6E3: इसकी रेंज 250 किलोमीटर तक है। यह 27 किलोमीटर की ऊंचाई पर खतरे को भांप लेती है।
  • 9M96E2: इसकी रेंज 120 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल 30 किलोमीटर दूर खतरे को निशाना बना सकती है।
  • 9M96E: इस मिसाइल की क्षमता 40 किलोमीटर तक है। यह 20 किलोमीटर ऊंचाई पर खतरे को डिटेक्ट कर लेती है।
  • यहां तक कि S-400 के रडार तीव्र गति से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स को भी डिटेक्ट कर लेते हैं।

स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम, आकाश

आकाश, भारत का स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित इस सिस्टम को भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने मिलकर बनाया है। पाकिस्तान के खिलाफ इस एयर डिफेंस सिस्टम को बहुत ही कारगर माना जाता है। आकाश में सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइलें लगी होती हैं जो हवाई हमलों से बचाव करती हैं। इसमें लगी मिसाइलें चार से 25 किलोमीटर की ऊंचाई पर 45 किलोमीटर दूर हवाई खतरों को भांपकर उन्हें निशाना बना सकती हैं।

  • इसमें मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली (SAM) मिसाइलें लगी होती हैं।
  • आकाश में लगी मिसाइलों की रेंज 45 किलोमीटर तक है।
  • इसकी मिसाइलें चार से 25 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर खतरों को मार सकती हैं।
  • आकाश सिस्टम फाइटर जेट्स, क्रूज मिसाइल, यूएवी, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को निशाना बना सकता है।
  • आकाश सिस्टम में राजेंद्र 3डी रडार लगा है जो कि एक समय में 64 टारगेट्स को ट्रैक और एक साथ 12 मिसाइलें दाग सकता है।

आकाश के हैं कई वैरिएंट

आकाश दोहरे निर्देशित सिस्टम से लैस है। इसके कई वैरिएंट भी हैं। Akash-1S की रेंज 18-30 किलोमीटर है। इसकी सटीकता जर्बदस्त है। इसका बंशी ड्रोन के खिलाफ 2019 और 2020 में सफल परीक्षण हुआ था। Akash-NG, आकाश का ही उन्नत संस्करण है। इसकी मारक क्षमता 70 किलोमीटर तक है। भारत का यह आकाश सिस्टम पाकिस्तान के फाइटर प्लेन एफ-16, जेएफ-17 और मिराज के खिलाफ काफी कारगर माना जाता है। यही नहीं यह तुर्की के TB2 ड्रोन और चीन के CH-4, विंग लूंग II ड्रोन को भी मार सकता है।

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Barak 8 (LR-SAM/MR-SAM)

रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम बराक-8 का भी इस्तेमाल हुआ है। इस एयर डिफेंस सिस्टम को भारत ने इजरायल के साथ मिलकर बनाया है। इसका रेंज 100 किलोमीटर तक है। यह सिस्टम अपने दायरे में आने वाले फाइटर प्लेन, हेलिकॉप्टर, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल को खत्म कर सकता है।

  • बराक-8 की रेंज 0.5 से 100 किलोमीटर तक है
  • यह 16 किलोमीटर की ऊंचाई तक खतरों को मार सकता है
  • इसकी स्पीड आवाज की रफ्तार से दोगुनी यानी मैक-2 है
  • बराक-8 का इस्तेमाल सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों में हो रहा

ZSU-23-4 शिल्का

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के हवाई खतरों को नष्ट करने में ZSU-23-4 शिल्का ने भी अहम भूमिका निभाई है। यह 23 एमएम कैलिबर की ऑटोमेटिक एंटीक्राफ्ट गन है। हवाई खतरों पर यह एक मिनट में 850 से लेकर 1,000 राउंड फायर करती है। यह 2.5 किलोमीटर के हवाई खतरों को मार गिराने में सक्षम है। इसमें लगे रडार छह किलोमीटर दूर खतरे को भांप सकते हैं। भारतीय सेना 1970 से इस वायु रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर रही है।

L-70,एंटी एयरक्राफ्ट गन

L-70 स्वीडन निर्मित एंटी एयरक्रॉफ्ट गन है जिसका निर्माण अब भारत भी कर रहा है। यह 40 मिली कैलिबर की ऑटोमेटिक एंटी-एयरक्राफ्ट गन है। यह 3,000 मीटर तक के दायरे में प्रभावी तरीके से मार कर सकती है। यह गन एक मिनट में 240 राउंड फायर करती है। इसे 20 से अधिक राज्यों के एयरबेस और संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। एल-70 ड्रोन, हेलिकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लड़ाकू जहाजों को मार गिराने में महारत हासिल है। यह सिस्टम इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और रडार सिस्टम से लैस है। यह रात के समय में भी हवाई खतरों को निशाना बनाने में सक्षम है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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