दुनिया का सबसे बड़ा तानपुरा देखना हो तो वाराणसी आइए, देखकर आप भी हो जाएंगे हैरान

World's Largest Tanpura in Varanasi: दुनिया का सबसे बड़ा तानपुरा वाराणसी में है। इसे देखने के लिए अलग-अलग देशों से लोग आते हैं। शहर स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत और कला संकाय में तानपुरा रखा है। यह 10 फीट का है। इस संग्रहालय में ऐतिहासित तानपुरा के अलावा कई वाद्य यंत्र हैं। इनमें सितार, संदूर, विचित्र वीणा, सरस्वती, वीणा, तबला, झांझ, शहनाई, झुनझुना, ढोलक, तुड़गुड़ा, सितार और जल तरंग आदि शामिल हैं।

VARANASI

वाराणसी में है खास तानपुरा

मुख्य बातें
1.दुनिया का सबसे बड़ा तानपुरा 10 फीट का है। 2.मेटल से बना हुआ है यह तानपुरा। 3.काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत और कला संकाय में रखा है तानपुरा।

Varanasi News: दुनिया का सबसे बड़ा तानपुरा देखना है तो आपको वाराणसी आना होगा। यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत और कला संकाय में दुनिया का अनोखा संग्रहालय है। इसी में सबसे बड़ा तानपुरा भी रखा है। यह पंडित लालमणि मिश्र वाद संग्रहालय में रखा हुआ है। 10 फीट का यह तानपुरा संगीत प्रेमियों को अपनी ओर खींचता है। इसके साथ ही बनारस संगीत घराने के इतिहास को बतलाता है।

इस संग्रहालय में ऐतिहासित तानपुरा के अलावा कई वाद्य यंत्र हैं। इनमें सितार, संदूर, विचित्र वीणा, सरस्वती, वीणा, तबला, झांझ, शहनाई, झुनझुना, ढोलक, तुड़गुड़ा, सितार और जल तरंग आदि शामिल हैं। इस संग्रहालय का निर्माण पंडित लालमणि मिश्रा के समय कराया गया था।

4 फीट है तानपुरा का व्यास

इस तानपुरा की लंबाई 10 फीट है। जबकि व्यास 4 फीट है। यह पूरा मेटल का बना हुआ है। इसे खड़ा होकर ही बजाया जा सकता है। सनद रहे कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत सोम मंच कला संकाय संग्रहालय में आम लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं है। इस संग्रहालय में रखे वाद्य यंत्र बजाए जाने लायक हैं। कुछ वाद्य यंत्रों की मरम्मत कराई जानी है। यहां 50 साल से अधिक पुराने वाद्य यंत्र रखे हुए हैं।

पूर्ववर्ती छात्रों से मिलता है सहयोग

इस संग्रहालय को संचालित करने के लिए एवं वाद्य यंत्रों की मरम्मत के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं से आर्थिक मदद मिलती रहती है। इसके अलावा कई शिक्षक हैं, जिन्हें संगीत एवं ऐतिहासिक चीजों से गहरा लगाव है, वो भी सहयोग करते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि संग्रहालय की सबसे बेशकीमती चीज तानपुरा ही है, जिसे देखने के लिए विदेशों से लोग आते हैं। इन वाद्य यंत्रों को संरक्षित रखना विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी है। जिसे हमलोग निभा रहे हैं। ताकि आगामी पीढ़ी को यहां के संगीत घराने एवं वाद्य यंत्रों की अहमियत पता चल सके।

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