उत्तरी बंगाल में भारी बारिश से हुई तबाही (चित्र साभार: PTI)
West Bengal News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उत्तर बंगाल में आई बाढ़ और उसके कारण हुए विनाश को प्राकृतिक ना बता कर इसे मानव जनित बताया और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) पर पानी को अनियंत्रित रूप से छोड़ने का आरोप लगाया। ममता का कहना हौ कि मनमर्जी से पानी छोड़ने की वजह से राज्य के दक्षिणी हिस्सों में नदियां उफान पर हैं।
ममता ने बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही शोक संतप्त परिवारों के एक सदस्य को होमगार्ड की नौकरी देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब तक उत्तर बंगाल में आई बाढ़ में 23 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है। इस क्षेत्र में शनिवार रात और रविवार तड़के 12 घंटे से ज्यादा समय तक 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई।’’
मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण करने के लिए बागडोगरा रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात कर रही थीं। बता दें कि पिछले 48 घंटों से राज्य के ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई है। दार्जिलिंग के दुआर का नागराकाटा और मिरिक क्षेत्र भूस्खलन और आवासीय संपत्तियों के बह जाने से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
ममता ने आरोप लगाया, ‘‘दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) अपनी इच्छानुसार पानी छोड़ रहा है। मैथन और पंचेत बांधों से गाद निकालने का काम न होने से उनकी जल धारण क्षमता में काफी कमी आई है। डीवीसी झारखंड को बाढ़ से बचाने के लिए ऐसा कर रहा है और बंगाल इसका खमियाजा भुगत रहा है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों को वापस लाने के लिए 45 बसों की व्यवस्था की है। बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र ने बाढ़ राहत उपायों के लिए धन मुहैया नहीं कराया है और राज्य सरकार किसी तरह अपने दम पर स्थिति से निपट रही है।
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