Shiva Temple in Chandigarh: इस मंदिर में पांडवों को भगवान शिव ने दिया था साक्षात दर्शन, मौजूद हैं पिंड स्‍वरूप में

Shiva Temple in Chandigarh: पंचकूला के सकेतड़ी गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर में चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल से भी हजारों शिवभक्‍त पहुंचते हैं। इस बार भी महाशिवरात्रि के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आज रात 11 बजे से ही दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।

Shiva Temple in Chandigarh

सजा हुआ प्राचीन शिव मंदिर और शिवलिंग

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पांडवों ने यहां पर कई माह तक किया था कठोर तपस्या
  • भगवान शिव पांडवों को दर्शन देने के बाद यहां पिंडी के रूप में स्थापित हुए
  • आज रात 11 बजे से खुल जाएंगे मंदिर के कपाट, दिन भर चलेगा भंडा़रा

Shiva Temple in Chandigarh: ट्राईसिटी चंडीगढ़ में ऐसे कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनकी प्रसिद्धी दूर-दूर तक फैली है। इनमें से ही एक है पंचकूला के सकेतड़ी गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर। इस मंदिर में प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा, पंजाब और हिमाचल से भी हजारों शिवभक्‍त पहुंचते हैं। इस बार भी महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी हो गई हैं। मंदिर में दर्शन करने आने वाले बुजुर्ग भक्‍तों को लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। इनके लिए पास की व्‍यवस्‍था की गई है। पर्व पर मंदिर में व्‍यवस्‍था बनाने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर के सेवा दल के करीब 250 से कर्मी और हरियाणा पुलिस के 100 से ज्‍यादा जवान यहां तैनात रहेंगे।

सकेतड़ी मंदिर का इतिहासमंदिर के पुजारी पंडित रामलाल ने बताया कि, यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर शंभू अपने आप प्रकट हुए थे। मान्‍यता है कि अज्ञातवाश के दौरान यहां पर पांडवों ने यहां पर रूक कर कई माह तक कठोर तपस्या की थी। इनके तप से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और यहीं पर पिंडी के रूप में स्थापित हो गए। पांडवों के जाने के बाद यह जगह ऋषि-मुनि की तपस्थली बन गई। भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए यहां पर कई लोगों ने तपस्‍य की। पहले यहां पर जंगल हुआ करता था, बाद में मंदिर बनाया गया। इस मंदिर में ऋषि-मुनि के तप का प्रभाव आज भी नजर आता है। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्‍तों की

मनोकामना भोलेनाथ जरूर पूरी करते हैं।

आज रात 11 बजे खुल जाएंगे मंदिर के कपाट महाशिवरात्रि पर इस प्राचीन शिव मंदिर में हजारों भक्‍तों की भीड़ उमड़ती है। भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भक्‍त रात से ही लाइन में लग जाते हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि प्रभु दर्शन के लिए शिवरात्री के एक दिन पहले आज रात 11 बजे ही मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। भक्‍त रातभर दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान मंदिर की तरफ से श्रद्धालुओं को दूध और फल का प्रसाद वितरित किया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन सुबह 9 बजे से हवन यज्ञ होगा। इसके अलावा सुबह 10 बजे से विशाल भंडरा और संकीर्तन शुरू हो जाएगा। मंदिर में भगवान के दर्शन व जलाभिषेक के लिए भक्‍तों की चार लाइन लगाई जाएगी।

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