क्या आप जानते हैं आगरा में सफेद ताजमहल के पीछे बनने वाला था एक 'काला ताजमहल', जानिए कौन बनाने वाला था इसे
Black Taj Mahal: मुगल बादशाह शाह जहां ने अपनी तीसरी बीवी मुमताज महल की तरह अपने लिए भी एक मकबरा बनाने की इच्छा प्रकट की थी। काले ताज महल की बात सबसे पहले यूरोपी यात्री यां बापतीस्त तावेरनिए ने अपनी लेखनी में किया, जो 1665 में आगरा पहुंचा था। यां बापतीस्त लिखते है कि शाह जहां ने दरिया के दूसरी तरफ अपने लिए मकबरा बनाना शुरू किया था, पर उसके बेटे औरंगजेब ने उसको कैद कर लिया।
क्या है काले ताज महल का सच
आगरा की शान ताजमहल एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जिसे देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आते हैं। खास बात यह है कि इसकी संरचनात्मक सुंदरता पर्यटकों को काफी दूर से आकर्षित करती है। यह फारसी, इस्लामी और भारतीय वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण है।
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दुनिया के सात अजूबों में एक है ताजमहल
आगरा के ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में से एक कहा जाता है, लेकिन उसके खूब दिखने वाला मध्यप्रदेश का यह ताजमहल भी लोगों को हैरान करता है। इसे देखने वाले लोग हैरान रह जाते हैं, कि यह तो बिल्कुल आगरा ताजमहल की तरह है। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में स्थित इस ताजमहल का निर्माण 1622 और 1623 ईस्वी के बीच किया गया था और इसे ब्लैक ताजमहल के रूप से जाना जाता है। बताया गया कि शाहनवाज खान अब्दुल रहीम खानखाना के सबसे बड़े बेटे थे, उनकी वीरता के कारण उन्हें मुगल सेना का कमांडर नियुक्त किया गया था। लेकिन 44 साल की उम्र में ही उनका निधन हो गया और उन्हें यहां बुरहानपुर में उतावली नदी के किनारे दफनाया गया। इतिहास के अनुसार ब्लैक ताज महल के भीतर शाहनवाज खान की पत्नी की कब्र भी है।
आगरा ताजमहल के बाद बनाई गई यह इमारत
बता दें कि मध्य प्रदेश में यह इमारत आगरा ताजमहल के बाद बनाई गई। हालांकि यह आगरा ताजमहल से दिखने में काफी छोटी है, लेकिन हूबहू उसकी तरह ही है। इस इमारत को ब्लैक ताजमहल के नाम से ही जाना जाता है। यह चकोर आकार का है और एक बड़े गुंबद जैसा दिखता है। खास बात यह है कि, यह चारों ओर से बगीचे से घिरा हुआ है और इसके चारों कोने में हेक्सागोनल मीनारें हैं। यही नहीं इमारत के पास चारों ओर दीवारों के अंदर खूबसूरत पेंटिंग देखने को मिलती है। बताया जाता है कि, इमारत के अंदर सीढ़ियां भी बनाई गई हैं, जो शाहनवाज खान की वास्तविक कब्र की ओर ले जाती हैं। अगर आप भी इस ब्लैक ताजमहल को देखना चाहते हैं तो बुधवार का दिन छोड़कर किसी भी दिन आप इस इमारत को देख सकते हैं। इसे देखने का समय सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक रखा हुआ है।
शाहजहां ने जताई थी ये इच्छा
बता दें कि, काले पत्थरों के साथ बना एक यह काल्पनिक मकबरा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह यमुना की दूसरी तरफ ताज महल के सामने बनाया जाना था। वहीं माना जाता है कि मुगल बादशाह शाह जहां ने अपनी तीसरी बीवी मुमताज महल की तरह अपने लिए भी एक मकबरा बनाने की इच्छा प्रकट की थी। काले ताज महल की बात सबसे पहले यूरोपी यात्री यां बापतीस्त तावेरनिए ने अपनी लेखनी में किया, जो 1665 में आगरा पहुंचा था। यां बापतीस्त लिखते है कि शाह जहां ने दरिया के दूसरी तरफ अपने लिए मकबरा बनाना शुरू किया था, पर उसके बेटे औरंगजेब ने उसको कैद कर लिया। वहीं दूसरी ओर आधुनिक पुरातत्व विज्ञानी इस कथा को मिथक मानते हैं।
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