Rupee News: क्या रुपया का गिरना बहुत बड़ी चिंता की है वजह? रिकॉर्ड निचले स्तर के बीच सरकार ने दिया जवाब
Government on Rupee Record Low : वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारतीय रुपये की अस्थिरता को लेकर कोई चिंता नहीं है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक इस अस्थिरता को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर रहा है। वे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत मानते हैं और रुपये की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है, रुपये में अस्थिरता का असर दीर्घकालिक नहीं होगा।
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारतीय रुपये के मूल्य को लेकर कोई चिंता नहीं है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इसकी अस्थिरता को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा रहा है। उनका यह बयान उस समय आया है जब रुपये की विनिमय दर डॉलर के मुकाबले कुछ अस्थिर रही है और आर्थिक माहौल में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।
Dollar vs Rupee: आज रुपया रिकॉर्ड लो पर पहुंचा
भारतीय रुपया सोमवार (3 फरवरी 2025) को पहली बार डॉलर के मुकाबले 87 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। जो शुक्रवार (31 जनवरी 2025) के 86.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। यह गिरावट वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ने के बीच आई, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको, कनाडा और चीन पर नए टैरिफ लगाए। ट्रंप के कार्यकारी आदेशों ने मैक्सिकन और अधिकांश कनाडाई आयातों पर 25% टैरिफ और चीनी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाया। मैक्सिको और कनाडा ने जवाबी कार्रवाई की जबकि चीन ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।
आरबीआई की भूमिका पर जोर
तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये के मूल्य को स्थिर बनाए रखने के लिए लगातार उपाय कर रहा है। उनका मानना है कि अस्थिरता सामान्य है और वैश्विक बाजारों के प्रभाव के तहत यह देखा जाता है, लेकिन आरबीआई की सक्रिय भूमिका से रुपये की स्थिति को स्थिर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति मजबूत है और आगामी समय में यह और बेहतर होगी।
भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति
वित्त सचिव ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर जोर देते हुए कहा कि रुपये में अस्थिरता का असर लंबे समय तक नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आर्थिक सुधारों और विदेशी निवेश में वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है, जिससे रुपये पर दबाव कम हो जाएगा। इसके साथ ही, सरकार की नीतियों और सुधारों से भी रुपये की स्थिति में सुधार होगा।
निर्यात और आयात के प्रभाव पर टिप्पणी
तुहिन कांत पांडे ने यह भी स्पष्ट किया कि रुपये की अस्थिरता का असर निर्यात और आयात पर पड़ा है, लेकिन सरकार ने इस पर भी ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बनाए रखते हुए इन बदलावों को संतुलित करने में सक्षम हैं।
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