अडानी का संदेश: भारत की पहचान अब अपनी कहानी से बनाएगा
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने शुक्रवार को 'व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल' में छात्रों और फिल्म-निर्माण पेशेवरों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान सिनेमा, कहानी और तकनीक के माध्यम से खुद बनानी चाहिए। अडानी ने जोर दिया कि अगर भारत खुद को स्पष्ट रूप से पेश नहीं करता है, तो देश की छवि बाहरी और अक्सर पक्षपाती दृष्टिकोणों से तय होगी। उन्होंने कहा कि मौन विनम्रता नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण है।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक उन्होंने 'गांधी' और 'स्लमडॉग मिलियनेयर' जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए बताया कि भारतीय कहानियों को कई बार विदेशी नजरिये से दिखाया गया है, जिससे असल भारत की छवि धुंधली पड़ जाती है।
अडानी ने 2023 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि उस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के बाजार मूल्य को 100 अरब डॉलर से अधिक गिरा दिया। उन्होंने इसे 'संगठित हमला' बताया और कहा कि इससे यह साबित होता है कि कहानियों की शक्ति, बाजार और जनधारणा पर हकीकत से कहीं ज्यादा असर डालती है।
अडानी ने अमेरिकी फिल्मों जैसे टॉप गन, इंडिपेंडेंस डे, और अपोलो-13 का उदाहरण देते हुए बताया कि ये फिल्में केवल मनोरंजन नहीं बल्कि अमेरिका की राष्ट्रीय पहचान और शक्ति का प्रचार भी हैं।
उन्होंने जोर दिया कि भारत को भी अपनी कहानियों को असली, उद्देश्यपूर्ण और सशक्त रूप में दुनिया के सामने लाना चाहिए। यह केवल सांस्कृतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक रूप से भी जरूरी है।
अडानी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिनेमा को पूरी तरह बदल देगा। इससे वास्तविक समय में कहानियों की प्रस्तुति, बहुभाषी कंटेंट और व्यक्तिगत अनुभवों की सुविधा मिलेगी।
अडानी ने युवाओं से अपील की कि वे नई तकनीकों का उपयोग कर भारत की असली, ईमानदार और सशक्त कहानी दुनिया के सामने रखें। उन्होंने कहा कि आपकी पीढ़ी ही भारत को उसकी आवाज, गीत और कहानियां वापस लौटाएगी।
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