अडाणी पोर्ट्स कंपनी का अब ये करेंगे ऑडिट, डेलॉयट ने छोड़ा साथ

Adani Ports Auditor: डेलॉयट 2017 से EPSEZ की ऑडिटर थी। जुलाई 2022 में इसे पांच और साल का कार्यकाल दिया गया था। EPSEZ ने एक बयान में कहा, “EPSEZ प्रबंधन और इसकी ऑडिट समिति के साथ डेलॉयट की हालिया बैठक में, डेलॉयट ने अन्य सूचीबद्ध अडाणी पोर्टफोलियो कंपनियों के ऑडिटर के रूप में व्यापक ऑडिट भूमिका कटौती का संकेत दिया।

Adani Ports

अडाणी पोर्ट्स

Adani Ports Auditor: डेलॉयट ने अडाणी समूह की बंदरगाह कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ( EPSEZ) के ऑडिट का कामकाज छोड़ दिया है। ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट में मिले कुछ लेनदेन पर ‘डेलॉयट’के चिंता जताने के कुछ सप्ताह बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (EPSEZ) ने डेलॉयट के कामकाज छोड़ने और ‘एम.एस.के.ए. एंड एसोसिएट्स’ की नए ऑडिटर के तौर पर नियुक्ति की पुष्टि की है।

डेलॉयट 2017 से कंपनी के साथ

डेलॉयट 2017 से EPSEZ की ऑडिटर थी। जुलाई 2022 में इसे पांच और साल का कार्यकाल दिया गया था। EPSEZ ने एक बयान में कहा, “EPSEZ प्रबंधन और इसकी ऑडिट समिति के साथ डेलॉयट की हालिया बैठक में, डेलॉयट ने अन्य सूचीबद्ध अडाणी पोर्टफोलियो कंपनियों के ऑडिटर के रूप में व्यापक ऑडिट भूमिका कटौती का संकेत दिया। ऑडिट समिति का विचार है कि ऑडिट कामकाज छोड़ने के लिए डेलॉयट ने जो कारण बताए हैं, वे ठोस या पर्याप्त नहीं हैं।”

डेलॉयट ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग ने इस साल 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर धोखाधड़ी, शेयरों में गड़बड़ी और काले धन को के आरोप लगाये थे। साथ ही संबद्ध पक्षों के बीच लेन-देन की बात कही थी। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। डेलॉयट का कहना था कि अडाणी समूह ने इन आरोपों की जांच स्वतंत्र बाहरी एजेंसी से कराना जरूरी नहीं समझा। इसका कारण उनका अपना आकलन तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जारी जांच है।

कंपनी ने अडाणी पोर्ट्स के वित्तीय ब्योरे में कहा था, ‘‘समूह की तरफ से किया गया मूल्यांकन हमारे ऑडिट के उद्देश्यों के लिए पर्याप्त उचित साक्ष्य उपलब्ध नहीं करता है।’’

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