Strait of Hormuz: होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करेगा ईरान, संसद में प्रस्ताव पास; पूरी दुनिया की तेल सप्लाई होगी प्रभावित

Strait of Hormuz: ईरान की संसद ने अमेरिकी हमलों के जवाब में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने को मंजूरी दे दी है। देश के सरकारी मीडिया प्रेस टीवी ने रविवार (22 जून, 2025) को मजलिस के सदस्य एस्माईल कोवसरी के हवाले से बताया।

Strait of Hormuz

होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करेगा ईरान (फाइल फोटो)

Strait of Hormuz: अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने बड़ा फैसला किया। ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने जा रहा है, इसके लिए ईरानी संसद में प्रस्ताव पास हो गया है। आज अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया था, जिसके बाद से अंदेशा जताया जा रहा था कि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। जिसके बाद आज इसपर वोटिंग हुई। रिपोर्ट के अनुसार, होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का अंतिम निर्णय ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को लेना है। होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है और यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल व्यापार मार्गों में से एक है।

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भारत पर कितना असर

भारत के कुल करीब 5.5 मिलियन बैरल दैनिक कच्चे तेल आयात में से लगभग 2 मिलियन बैरल (लगभग 36%) होर्मुज़ जलडमरूमध्य के मार्ग से ही आता है, जिससे यह मार्ग देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है। यदि यह मार्ग अवरुद्ध होता है, तो तेल‑एलएनजी कीमतें बढ़कर जनजीवन और मुद्रास्फीति को प्रभावित करेंगी। हालांकि भारत पहले से इसका विकल्प निकाल रखा और अन्य मार्गों से तेल आयात करने लगा है।

भारत सरकार की तैयारी

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को बताया कि भारत पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हरदीप सिंह पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि भारत पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते कुछ वर्षों में भारत ने अपनी ऊर्जा आपूर्ति को विविध बनाया है और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर नहीं आता। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत की तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है और उन्हें विभिन्न वैकल्पिक मार्गों से लगातार ऊर्जा की आपूर्ति मिल रही है।

दुनिया भर में असर

यह मार्ग तेल और LNG निर्यात का प्रमुख चोकपॉइंट है। लगभग 20–21 मिलियन बैरल/दिन तेल (वैश्विक तेल की करीब 20–30%) इस मार्ग से गुजरता है। तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का लगभग एक‑तिहाई व्यापार भी इसी मार्ग से गुजरता है। इस मार्ग के बंद होने से तेल की कीमतों में बड़ी उछाल संभव है और आर्थिक अस्थिरता फैलने की संभावना है ।

होर्मुज जलडमरूमध्य कहां है

होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और फिर अरबी सागर से जोड़ता है। इसके उत्तरी तट पर ईरान है और दक्षिणी तट पर ओमान-यूएई (मुसंदम प्रायद्वीप) स्थित है। इसकी लंबाई लगभग 167कि॰मी. और चौड़ाई 21–52 कि॰मी. है। लेकिन जहाज चलने वाले मार्ग केवल कुछ किलोमीटर ही चौड़े हैं।

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शिशुपाल कुमार author

न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं और उन्हें पत्रकारिता में 13 वर्षों का अनुभव है। पटना से ताल्लुक रखने वाले शिशुपाल ने अपने करियर की शुरुआत से ही डिजिटल पत्...और देखें

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