OMG: सीईओ के दुर्व्यवहार के बाद कर्मचारी को अस्पताल पहुंचाने की आई नौबत, यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया

OMG: अपनी निराशा व्‍यक्‍त करते हुए यूजर ने बताया कि, 'वह 2024 में बेंगलुरु में एक छोटे इवेंट डिस्कवरी स्टार्टअप में शामिल हुआ था। एक जूनियर डेटा साइंटिस्ट के तौर पर उसे उम्मीद थी कि यह एक बेहतरीन सीखने का अनुभव होगा।'

निराश युवक।

निराश युवक।

OMG: Reddit पर एक कर्मचारी ने अपने वर्कप्‍लेस के अनुभव को शेयर किया है। शख्‍स ने जो बातें कहीं हैं उसे लेकर नेटिजन्‍स के बीच रोष है। कर्मचारी ने पोस्‍ट के टाइटल में लिखा कि, 'मैं एक कार्य वीडियो कॉल के दौरान पूरी तरह से टूट गया क्योंकि मेरा सीईओ चिल्लाता रहा। अभी भी आघात से निपट रहा हूं।' यूजर ने दावा किया कि कंपनी में बिताए कुछ महीनों के दौरान उसे सीईओ से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। रेडिटर ने लिखा, 'बेंगलुरु के एक स्टार्टअप में 7 महीने तक लगातार मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न सहा, जहां गैर-तकनीकी सीईओ ने हर चीज को माइक्रोमैनेज किया, अवास्तविक समय सीमाएं लगाईं और लगातार चिल्लाया। अंत में गूगल मीट के दौरान इतना गंभीर रूप से टूट गया कि मैं बेहोश हो गया और मुझे अस्पताल ले जाया गया। कंपनी और एचआर ने मेरे इस्तीफा देने के बाद भी अपना प्रतिशोधी व्यवहार जारी रखा।'

अपनी निराशा व्‍यक्‍त करते हुए यूजर ने बताया कि, 'वह 2024 में बेंगलुरु में एक छोटे इवेंट डिस्कवरी स्टार्टअप में शामिल हुआ था। एक जूनियर डेटा साइंटिस्ट के तौर पर उसे उम्मीद थी कि यह एक बेहतरीन सीखने का अनुभव होगा। लेकिन यूजर ने दावा किया कि उसे सीईओ के हाथों महीनों तक मनोवैज्ञानिक यातना का सामना करना पड़ा, जो खुद को किसी तरह का डेटा साइंस मास्टरमाइंड मानता था, जबकि मेरे पास कोई टेक बैकग्राउंड नहीं था।' कर्मचारी ने लिखा, 'वह (सीईओ) हवा से पूरी तरह अवास्तविक समय-सीमाएं बना देते थे, जब भी उन्हें मन करता था, परियोजना की आवश्यकताओं को बदल देते थे, और जब वास्तविकता उनके भ्रम से मेल नहीं खाती थी, तो अपना पूरा दिमाग खो देते थे। हर एक दिन यह लड़का मुझसे मांग करता था कि मैं अपने काम के हर छोटे से छोटे विवरण को सीधे उसे समझाऊं। अगर मेरा स्पष्टीकरण त्रुटिहीन होता, या अगर वह कुछ तकनीकी नहीं समझ पाता, तो वह पूरी तरह से भड़क जाता। मैं पूरी तरह से चीखने-चिल्लाने वाले सत्रों की बात कर रहा हूं, जहां वह मुझे प्रोफेशनल और व्यक्तिगत रूप से दोनों तरह से बर्बाद कर देता।'

कर्मचारी ने अपनी पोस्‍ट में बताया कि, उसे लगता है कि सीईओ उसे इसलिए निशाना बना रहा था क्योंकि वह शांत और शारीरिक रूप से दुबला-पतला है। उसने यह भी दावा किया कि सीईओ ने उसके रिपोर्टिंग मैनेजर को दरकिनार करके सीधे उसके साथ डील की। लिखा कि, 'लगातार सात महीनों तक मैंने 12-14 घंटे काम किया। इसमें वीकेंड भी शामिल था। पूरी अवधि में मैंने सिर्फ़ दो बीमार दिनों की छुट्टी ली। एक बार भी उन्होंने इस प्रतिबद्धता को स्वीकार नहीं किया। हमेशा आलोचना होती थी, हमेशा गलतियां निकाली जाती थीं, हमेशा कुछ ऐसा होता था जो मैं गलत कर रहा था।' आखिरकार, कर्मचारी ने ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि अव वो और यातनाएं नहीं सह सकता। एक सप्ताह बाद, एक ऑनलाइन मीटिंग के दौरान, सीईओ ने उस पर तंज कसना शुरू कर दिया। कर्मचारी ने कहा, 'मौखिक हमला इतना क्रूर था कि मैं सचमुच ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था। मेरी छाती में जकड़न होने लगी, मैं सांस लेने के लिए संघर्ष करने लगा और मैं अपनी कुर्सी पर पूरी तरह से गिर गया।' शुक्र है कि उसकी मां ने शोरगुल सुन लिया और उसे तुरंत अस्पताल ले गई।

यूजर ने ये भी बताया कि, 'इस्तीफा देने के बाद भी, यातना जारी रही। एक ही व्यक्ति द्वारा संचालित HR विभाग भी उतना ही दुर्भावनापूर्ण था। उसने मेरी मेडिकल इमरजेंसी स्थिति को किसी तरह के दान के रूप में पेश करने की हिम्मत की, जो वे मेरे अंतिम निपटान का भुगतान करके कर रहे थे... उसने वास्तव में दावा किया कि मेरा अनुभव पत्र प्रदान करना उनकी ओर से एक दयालु इशारा था। जैसे कि वे बुनियादी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करके दान कर रहे थे।' अपनी पोस्‍ट के अंत में कर्मचारी ने पोस्‍ट शेयर करने की वजह बताते हुए कहा कि, वह चाहता था कि अन्य लोग जो इसी तरह के उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, उन्हें पता चले कि वे अकेले नहीं हैं।

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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