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यहां हो सकती है चीते से सीधी मुलाकात, बस इतने रुपये देने से ही बन जाएगी बात, नोट करें कब और कहां पहुंचना है

Cheetah Safari ke liye kahan jaa sakte hain (Cheetah Safari in India): किसी वीकेंड पर कुछ एडवेंचर करना हो तो चीते से मुलाकात का प्लान बना लें। हाल ही में देश में पहली चीता सफारी शुरू हुई है जहां आप सुबह और दोपहर बाद जंगल की सैर का मजा ले सकते हैं। जानें कहां हो सकती है ये मीटिंग।

cheetah safari ke liye kahan jaa sakte hain

यहां हो सकती है चीते से सीधी मुलाकात (Pic: iStock)

Cheetah Safari ke liye kahan jaa sakte hain (Cheetah Safari in India): मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क ने 1 अक्टूबर, 2025 से देश की पहली चीता सफारी शुरू की है। इस सफारी के खुलने के बाद आपकी मुलाकात सीधे चीता से हो सकती है। इस जगह आप दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर को दौड़ लगाते देख सकते हैं।

कहां होगी चीते से मुलाकात

श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क को चीता पुनर्वास परियोजना के लिए चुना गया था। 2022 में यहां पहले चीते का स्वागत किया गया था और आज यहां 16 चीतों का बसेरा है। इस पार्क में सफारी का आनंद सुबह और देर दोपहर में लिया जा सकता है। इस समय चीते सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं। हर सफारी का नेतृत्व प्रशिक्षित गाइड करते हैं जो चीता के व्यवहार, शिकार शैली और भारत में उनकी वापसी की कहानी बताते हैं। आप यहां खुले जंगल में उनको देखने आ सकते हैं।

यहां घूमने के लिए जिप्सी सफारी (6 लोगों तक) का किराया ₹4,500 प्रति निजी वाहन है। वहीं प्रवेश शुल्क 1,200 रुपये प्रति वाहन है। हालांकि वीकएंड या पीक ट्रैवल सीजन में ये चार्ज बढ़ भी सकता है। इसलिए अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले हमेशा आधिकारिक कूनो नेशनल पार्क सफारी बुकिंग पोर्टल की जांच करें। सफारी बुकिंग ऑनलाइन के माध्यम से की जा सकती है।

कूनो नेशनल पार्क कब आ सकते हैं

कूनो नेशनल पार्क आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है। इस दौरान मौसम ठंडा होता है, जंगल के नजारे साफ दिखते हैं और चीता दिखने की संभावना भी अधिक होती है। दूसरे ओर गर्मी के महीने यात्रियों के लिए परेशानी भरे हो सकते हैं। रहने की जगहों के बारे में बात रें तो पार्क के पास इको-लॉज और वन गेस्टहाउस से लेकर ग्वालियर या कोटा के रिसॉर्ट तक शामिल हैं। यहां से आपको सफारी पैकेज भी मिल जाएंगे।

ध्यान रखें

चीता सफारी सिर्फ एक पर्यटन आकर्षण नहीं है - यह भारत के वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आगंतुकों से सख्त नियमों का पालन करने की उम्मीद की जाती है: पार्क के अंदर तेज आवाज या कूड़ा न करें, गति सीमा और निर्दिष्ट ट्रैक का सम्मान करें। इसके साथ ही हमेशा गाइड के निर्देशों का पालन करें।

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मेधा चावला
मेधा चावला Author

टाइम्स नाउ नवभारत में मेधा चावला सीनियर एसोसिएट एडिटर की पोस्ट पर हैं और पिछले सात साल से इस प्रभावी न्यूज प्लैटफॉर्म पर फीचर टीम को लीड करने की जिम्म... और देखें

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