मेरे खाते में सिर्फ 900 यूरो बाकी, अच्छी जिंदगी नहीं जी रहा हूंः भारत के नंबर.1 टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल की आपबीती

Sumit Nagal narrates financial struggle: भारत के नंबर.1 टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने अपनी आर्थिक स्थिति को बयां किया है। उनके बैंक अकाउंट में सिर्फ 900 यूरो बाकी हैं और उनके मुताबिक वो अच्छी जिंदगी नहीं जी पा रहे हैं। नागल ने विस्तार से इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है।

Sumit Nagal narrates his financial struggle

सुमित नागल (Instagram)

तस्वीर साभार : भाषा
मुख्य बातें
  • भारत के नंबर.1 टेनिस खिलाड़ी की आपबीती
  • बैंक अकाउंट में बाकी हैं सिर्फ 900 यूरो
  • अच्छी जिंदगी नहीं जी पा रहे हैं सुमित नागल

एटीपी टूर में खेलने के लिए एक करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था करने के बाद भारत के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल (Sumit Nagal) के बैंक खाते में अब एक लाख रुपए से भी कम की धनराशि बची है और अच्छी जिंदगी नहीं जी पाने के कारण वह उदास हैं। वह पिछले कुछ वर्षों से जर्मनी की नानसेल टेनिस अकादमी में अभ्यास कर रहे थे लेकिन पैसों की कमी के कारण वह 2023 के सत्र के शुरुआती तीन महीनों में अपने पसंदीदा स्थान पर अभ्यास नहीं कर पाए। उनके मित्र सोमदेव देववर्मन और क्रिस्टोफर मार्कुइस ने जनवरी और फरवरी में उनकी मदद की थी।

वित्तीय समस्याओं से जूझना शायद प्रत्येक भारतीय टेनिस खिलाड़ी की कहानी है लेकिन सच्चाई यह है कि देश का नंबर एक एकल खिलाड़ी अपने और अपने परिवार के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं जुटा पा रहा है जिससे अप्रभावी प्रणाली और एटीपी टूर से जुड़े संघर्ष का पता चलता है जहां खिलाड़ी को अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है।

एटीपी टूर में खेलने के लिए नागल ने अपनी सारी पुरस्कार राशि, आईओसीएल से मिलने वाला अपना वेतन और महा टेनिस फाउंडेशन से मिलने वाली सहायता राशि को खर्च किया है। उनका यह खर्च पाइन में अभ्यास केंद्र में रुकने तथा अपने कोच या फिजियो के साथ टूर्नामेंट के लिए यात्राओं पर होता है। नागल ने पीटीआई से कहा,‘‘ अगर मैं अपने बैंक में जमा धनराशि की बात करूं तो मेरे पास इतनी ही राशि है जितनी की वर्ष के शुरुआत में थी। यह 900 यूरो (लगभग 80000 रुपए) है। मुझे थोड़ी मदद भी मिली। महा टेनिस फाउंडेशन के प्रशांत सुतार मेरी मदद कर रहे हैं तथा मुझे आईओसीएल से मासिक (वेतन) भी मिलता है लेकिन मेरे पास कोई बड़ा प्रायोजक नहीं है।’’

नागल ने इस साल 24 टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया जिनसे उन्होंने लगभग 65 लाख रुपए की कमाई की। उन्हें सबसे बड़ी पुरस्कार राशि अमेरिकी ओपन से मिली जहां वह क्वालीफायर के पहले दौर में हार गए थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें 22000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 18 लाख रुपए) मिले। उन्होंने कहा,‘‘ मैं जो भी कमाई कर रहा हूं उसे खर्च कर दे रहा हूं। मेरा वार्षिक खर्च लगभग 80 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक है और यह भी तब है जबकि मैं केवल एक कोच के साथ यात्रा करता हूं। मैंने जो भी कमाया उसे खर्च भी कर दिया।’’

नागल ने कहा,‘‘ मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत का नंबर एक खिलाड़ी होने के बावजूद मुझे पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। मैं ग्रैंड स्लैम के लिए क्वालीफाई करने वाला एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हूं तथा मैंने पिछले साल ओलंपिक में एक मैच भी जीता था इसके बावजूद सरकार ने मुझे टॉप्स में शामिल नहीं किया है।’’

उन्होंने कहा,‘‘ मुझे लगता है कि चोटिल होने के कारण जब मेरी रैंकिंग गिर गई तो किसी ने भी मेरी मदद करना उचित नहीं समझा। किसी को भी विश्वास नहीं था कि मैं वापसी कर सकता हूं। यह निराशाजनक है क्योंकि मुझे लगता है कि मैं जो कुछ भी करता हूं वह पर्याप्त नहीं है। भारत में वित्तीय सहायता हासिल करना बहुत मुश्किल है। ईमानदारी से कहूं तो मुझे पता नहीं कि क्या करना है। मैंने हार मान ली है।’’

पंजाबी बाग में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक के बेटे नागल को पिछले साल कोर्ट से बाहर की समस्याओं से भी जूझना पड़ा। उन्होंने अपने कूल्हे का ऑपरेशन करवाया और वह दो बार कोविड-19 की चपेट में भी आए। नागल ने कहा,‘‘ मेरे पास बचत के नाम पर कुछ भी नहीं है और मैं टूट रहा हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि मैं बहुत अच्छी जिंदगी जी रहा हूं जहां मुझे काम करने की जरूरत नहीं है। मैंने पिछले दो वर्षों में खास कमाई नहीं की है।’’ नागल एटीपी एकल रैंकिंग में 159वें स्थान पर हैं जो भारतीयों में सर्वश्रेष्ठ है। उनके बाद शशि कुमार मुकुंद का नंबर आता है जिनकी विश्व रैंकिंग 407 है।

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