अध्यात्म

आज होगा 'बीवर मून' का दीदार, जानिए 5 नवंबर को सुपरमून दिखने का समय और महत्व

Kartik Purnima 2025: आज 5 नवंबर देवदीपावली की रात आसमान में सुपरमून का दीदार होगा। इस समय पर पूर्ण चंद्रमा पृथ्वी से सबसे निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंचकर सुपरमून के रूप में दिखाई देगा। यह साल 2025 का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा चमकीला चांद होगा। आइए जानते हैं आज सुपरमून का दीदार कितने बजे होगा और इसका महत्व क्या है।

आज होगा सुपरमून का दीदार

आज होगा सुपरमून का दीदार

Kartik Purnima 2025: आज कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली 5 नवंबर 2025 की रात को आसमान एक जादुई नजारे से जगमगा उठेगा। इस दौरान पूर्ण चंद्रमा अपने सबसे निकटतम बिंदु (पेरिगी) पर पहुंचकर सुपरमून के रूप में दिखाई देगा, जो साल का सबसे बड़ा और सबसे चमकीला चंद्रमा होगा।

अमेरिकी नौसेना वेधशाला के अनुसार, यह पूर्णिमा सुबह 8:19 बजे ईटी (भारतीय समयानुसार शाम 6:49 बजे) पर चरम पर होगी। NASA के अनुसार, यह चंद्रमा पृथ्वी से मात्र 221,818 मील (356,980 किलोमीटर) दूर होगा, जो 2019 की फरवरी के सुपरमून के बाद सबसे निकटतम है। इसे 'बीवर मून' भी कहा जाता है, जो उत्तरी अमेरिकी मूल निवासियों की परंपरा से लिया गया नाम है, जब बीवर सर्दियों के लिए भोजन जमा करते हैं। भारत में इसे कार्तिक पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है, जो देव दीपावली का उत्सव है।

सुपरमून क्या है?

सुपरमून तब होता है जब पूर्ण चंद्रमा पेरिगी (पृथ्वी से निकटतम बिंदु) पर होता है। चंद्रमा की कक्षा अंडाकार है, इसलिए यह कभी 363,300 किमी दूर (एपोजी) तो कभी 356,500 किमी निकट होता है। सामान्य पूर्ण चंद्रमा से आज का चांद 14% बड़ा और 30% अधिक चमकीला दिखने वाला है। 2025 में यह दूसरा सुपरमून है। पहला अक्टूबर में था और तीन लगातार सुपरमूनों में से दूसरा है। दिसंबर में एक और सुपरमून आएगा, लेकिन नवंबर का सुपरमून सबसे चमकीला होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, सुपरमून समुद्री ज्वार को थोड़ा अधिक प्रभावित करता है।

बीवर मून का सांस्कृतिक और ज्योतिषीय महत्व

'बीवर मून' का नाम मूल अमेरिकी जनजातियों से आया है, जो सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक है। अन्य नामों में 'फ्रीजिंग मून', 'फ्रॉस्ट मून' या 'डिगिंग मून' शामिल हैं। भारत में कार्तिक पूर्णिमा त्रिपुरासुर वध के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव ने एक बाण से तीनों लोकों को मुक्त किया था। ज्योतिष के अनुसार यह चंद्रमा मेष राशि में होगा, जो स्थिरता, धन और रिश्तों पर प्रभाव डालेगा। मेष में चंद्रमा धैर्य और मूल्यों पर जोर देगा।

आज कब और कैसे देखें सुपरमून?

भारतीय समयानुसार, सुपरमून शाम 6:49 बजे पूर्ण होगा, लेकिन सबसे शानदार दृश्य सूर्यास्त के बाद पूर्वी क्षितिज पर उगते समय दिखेगा। लगभग शाम 6:00 बजे से। हालांकि 6 नवंबर को भी यह चमकीला दिखेगा। सबसे अच्छा समय रात्रि 7:00 से 9:00 बजे तक है, जब चंद्रमा क्षितिज के पास लगेगा और 'मून इल्यूजन' से बड़ा नजर आएगा।

इस दौरान खुले मैदान, छत या नदी किनारे जाएं, जहां पूर्वी दिशा साफ हो। सूर्यास्त के तुरंत बाद (शाम 5:30-6:00 बजे) यह क्षितिज पर बड़ा दिखेगा। नग्न आंखों से ही पर्याप्त है, लेकिन दूरबीन से क्रेटर स्पष्ट दिखेंगे। वाइड एंगल लेंस से क्षितिज के साथ कैप्चर करें। वाराणसी में गंगा आरती के दौरान यह सुपरमून लाखों दीपों के साथ काफी अद्भुत लगेगा।

सुपरमून के प्रभाव

ज्योतिष में मेष सुपरमून स्थिरता लाता है। यह वित्तीय निर्णयों के लिए शुभ होता है। हालांकि, कुछ राशियों जैसे वृश्चिक आदि में भावनात्मक उथल-पुथल हो सकती है। पर्यावरणीय रूप से, यह ज्वार-भाटा को थोड़ा बढ़ा सकता है, लेकिन कोई खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सुपरमून की चमक रात्रि को दिन जैसा कर देगी।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

Mohit Tiwari
Mohit Tiwari Author

मोहित तिवारी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रतिष्ठित न्यूजपेपर में फील्ड रिपोर्टिंग से की थी। मोहित ... और देखें

End of Article