Agni Utsav 2024 Date: उड़ीसा में आज मनाया जा रहा है अग्नि उत्सव, जानें क्या है इसका महत्व

Agni Utsav 2024 Date: भारत में हर धर्म और समुदाय को मानने वाले लोग रहते हैं। यहां पर हर राज्य का अपना एक खास पर्व होता है। इसी में से उड़ीसा राज्य के का एक प्रमुख पर्व है अग्नि उत्सव। आइए जानते हैं कब है अग्नि उत्सव और क्या है इसका महत्व।

Agni Utsav 2024 Date

Agni Utsav 2024 Date

Agni Utsav 2024 Date (अग्नि उत्सव कब है 2024): उड़ीसा के प्रमुख पर्वों में से एक अग्नि उत्सव का पर्व है। यह त्योहार किसानों को समर्पित है। यहां पर अग्नि उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 23 फरवरी 2024, शुक्रवार यानि आज मनाया जा रहा है। इस त्योहार में विशेष रूप से अग्नि देव की पूजा की जाती है और सूर्य देव को अग्नि का प्रतीक मानकर सूर्यदेव की भी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन अग्नि में सूखी घास और पुआल जलाने से अगले वर्ष कैसी फसल होगी इसकी भविष्यवाणी की जा सकती है। इस उत्सव के अवसर पर उड़ीसा के शहर की सारी गलियों को साफ सुथरा कर दिया जाता है और इसके साथ अपने घरों की भी सफाई की जाती है। आइए जानते हैं कब है अग्नि उत्सव और क्या है इसका महत्व।

Agni Utsav 2024 Date (अग्नि उत्सव कब है 2024)उड़िया कैलेंडर के हिसाब से इस साल अग्नि उत्सव 23 फरवरी 2024 यानि आज मनाया जा रहा है। इस दिन उड़ीसा के किसानों द्वारा अग्नि देव की विधिवत पूजा की जाती है और अगली फसल अच्छी होने के लिए उनसे कामना की जाती है।

Agni Utsav 2024 Puja Vidhi (अग्नि उत्सव पूजा विधि 2024)

  • अग्नि उत्सव के दिन घास फूस और कंड़ों को इकट्ठा करके जलाया जाता है।
  • इस दिन अग्नि में आलू, बैंगन और हरी सब्जियां डाली जाती है।
  • जब अग्नि की लौ कम हो जाती है तो उस आग में से सब्जियां निकालकर उसे प्रसाद की तरह सब में बांटा जाता है।
  • यह त्योहार उड़ीसा राज्य के हर शहर में मनाया जाता है।
  • इस दिन अग्नि देव के साथ- साथ सूर्य देव की भी पूजा की जाती है।
  • अग्नि के आस-पास लोग नाचते हैं और लोकगीत गाते हैं।
  • इस दिन सूर्य देव से अगली बार अच्छी फसल हो इसके लिए कामना की जाती है।

अग्नि उत्सव महत्व ( Importance Of Agni Utsav 2024)उड़ीसा राज्य में अग्नि उत्सव का बहुत महत्व है। यह पर्व वहां के किसानों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन घर की साफ सफाई कर घर के बाहर लकड़ी और घास फूस को जलाया जाता है। इस आग के सामने लोग नृत्य करते हैं और लोकगीत गाते हैं। इस दिन विधि पूर्वक अग्नि देव और सूर्य देव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन घास फूस जलाने से आने वाले साल में फसल कैसी होगी इसकी भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आग की लौ पूर्व की ओर होती है तो खेत में पानी लगने की संभावना होती है और अगर लौ उत्तर की ओर हो तो फसल अच्छी होने की संभावना होती है। इस उत्सव को देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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