Pushkar Kumbh Mela: 12 साल बाद 12 दिन के लिए लगा अनोखा मेला, आस्था के महापर्व का बनें हिस्सा

Pushkar Kumbh Uttarakhand: पुष्कर कुंभ मेला शुरू हो चुका है जहां आप परिवार के साथ या फिर अकेले भी ट्रिप का प्लान कर सकते हैं। पुष्कर कुंभ के दौरान भारत के कोने-कोने खासकर दक्षिण भारत से लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं।

पुष्कर कुंभ
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​पुष्कर कुंभ​

एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बनने के लिए आप पुष्कर कुंभ का रुख कर सकते हैं। उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले के माणा गांव में यह मेला हर 12 वर्षों में आयोजित होता है। 12 साल बाद 12 दिनों के लिए 15 मई से 26 मई तक इस मेले का आयोजन हो रहा है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
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​धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व​

इस मेले का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। अलकनंदा और सरस्वती नदियों के संगम स्थल केशव प्रयाग पर आयोजित होने वाले इस मेले को महर्षि वेदव्यास, रामानुजाचार्य और माध्वाचार्य जैसे महान संतों से जोड़ा जाता है।

मंत्रमुग्ध कर देगा नजारा
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​मंत्रमुग्ध कर देगा नजारा​

यहां पहुंचकर आप सुबह पांच बजे के बाद केशव प्रयाग में स्नान के लिए जाएं। स्नान करने के बाद सरस्वती मंदिर के दर्शन भी करने जरूर जाएं। भीम पुल से केशव प्रयाग तक जाने वाला पैदल रास्ता आपको मंत्रमुग्ध कर देगा।

श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं
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​श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं​

श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई ना हो इसके लिए पैदल मार्ग की मरम्मत और यातायात व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है। बहुभाषी साइनबोर्ड, पुलिस बल की तैनाती और एसडीआरएफ कर्मियों की मौजूदगी जैसे विशेष इंतजाम किए गए हैं।

आयोजन स्थल
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​आयोजन स्थल​

भारत के पहले गांव कहे जाने वाला उत्तराखंड का माणा गांव इस मेले का आयोजन स्थल है। बद्रीनाथ धाम के पास महज 3 किलोमीटर की दूरी पर ये पवित्र स्थल मौजूद है।

निष्कर्ष
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​निष्कर्ष​

भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक पुष्कर कुंभ मेला विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक समागम का अवसर भी प्रदान करता है जो भारत की विविधता में एकता का प्रतीक है।

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