Chandrayaan 3: चंद्रमा की सतह पर ऐसे उतरा चंद्रयान-3 देखें पहला Video
Chandrayaan 3 Successful Landing Video: भारत ने अपना चंद्रयान मिशन 2008 में शुरू किया। भारत के इस पहले मिशन से चांद पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता चला। इसके 11 साल बाद इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया। भारत अपने इस मिशन में 90 फीसदी तक सफल हुआ। हालांकि, सात सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 की चंद्रमा 'सॉफ्ट लैंडिंग' नहीं हो पाई।
Chandrayaan 3 Successful Landing Video: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है। इस लैंडिंग के साथ ही भारत ने कीर्तिमान रचते हुए करीब 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के सपनों को पूरा कर दिया है। चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का पहला वीडियो भी सामने आ गया है। लैंडिंग का यह वीडियो अंतरिक्ष में भारत की बढ़ी ताकत एवं इसरो के वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम का परिणाम है। इस सफलता के बाद देश भर में जश्न का माहौल है। लोग एक दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं। इसरो की यह कामयाबी बहुत बड़ी है। चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
अगले 14 दिनों तक चांद की सतह की जांच करेगा
चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर निकलेगा और अगले 14 दिनों तक चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी करते हुए वैज्ञानिक परीक्षण करेगा। चंद्रयान-3 के जरिए चांद से जुड़े कई गहरे राज एवं रहस्यों से परदा उठाने में मदद मिलेगी। साथ ही सौरमंडल की उत्पत्ति एवं उसके विकास से जुड़े कई सवालों का जवाब मिलेगा। चंद्रयान-3 की यह सफलता अद्भुत एवं बेमिसाल है। चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से के अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने में अब भारतीय वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी।
2008 में शुरू हुआ चंद्रयान मिशन
भारत ने अपना चंद्रयान मिशन 2008 में शुरू किया। भारत के इस पहले मिशन से चांद पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता चला। इसके 11 साल बाद इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया। भारत अपने इस मिशन में 90 फीसदी तक सफल हुआ। हालांकि, सात सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 की चंद्रमा 'सॉफ्ट लैंडिंग' नहीं हो पाई और चांद की सतह से कुछ मीटर की दूरी पर उसका संपर्क इसरो से टूट गया और वह क्रैश लैंड हो गया। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर आज भी चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है। चंद्रयान-2 की चुनौतियों एवं खामियों से सबक लेते हुए चार साल बाद इसरो एक बार फिर अपने मिशन पर आगे बढ़ा और इस बार चंद्रयान-3 ने चांद पर सफल लैंडिंग करते हुए कीर्तिमान रच दिया।
चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र बहुत अलग हैं
चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर्यावरण और उनके द्वारा पेश की जाने वाली कठिनाइयों के कारण बहुत अलग भूभाग हैं और इसलिए उनका अभी तक अन्वेषण नहीं हुआ है। चंद्रमा पर पहुंचने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में उतरे हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का भी पता लगाया जा रहा है क्योंकि इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है।
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