क्या है स्पेस डॉकिंग सिस्टम? जिसके के लिए रॉकेट तैयार कर रहा ISRO, इंडियन स्पेस स्टेशन बनाने में कैसे करेगा मदद

Spadex Mission ISRO: स्पेस डॉकिंग तकनीक का तात्पर्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक से है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से मानव को एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में भेज पाना संभव होता है।

Spadex Mission ISRO

Spadex Mission ISRO

Spadex Mission ISRO: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की प्रोबा-3 मिशन को लॉन्च करने के बाद इसरो (ISRO) अब नए मिशन में जुट गया है। इसरो प्रोबा-3 की तरह ही स्पेस डॉकिंग सिस्टम तैयार कर रहा है, जिससे दो अंतरिक्ष यानों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि इस मिशन के लिए रॉकेट तैयार हो रहा है और बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक इस महीने के अंत में इसके प्रक्षेपण की उम्मीद कर रहे हैं।

इसरो चीफ ने बताया कि ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पर स्पैडेक्स नामक स्पेस डॉकिंग प्रयोग के प्रदर्शन के लिए एक मिशन की तैयारी की जा रही है। पीएसएलवी-सी59-प्रोबास-3 मिशन के समान ही दिसंबर में पीएसएलवी-सी60 का प्रक्षेपण होने वाला है। उन्होंने बताया, रॉकेट अभी तैयार किया जा रहा है और हम प्रक्षेपण से संबंधित अंतिम चरण की गतिविधियों की तैयारी कर रहे हैं, जो संभवतः दिसंबर में ही पूरी हो सकती हैं।

क्या है स्पेस डॉकिंग सिस्टम

स्पेस डॉकिंग तकनीक का तात्पर्य अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने की तकनीक से है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से मानव को एक अंतरिक्ष यान से दूसरे अंतरिक्ष यान में भेज पाना संभव होता है। अतः स्‍पेस डॉकिंग अंतरिक्ष स्‍टेशन के संचालन के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। डॉकिंग में अंतरिक्ष यान अपने आप ही स्टेशन से जुड़ सकता है। अंतरिक्ष में दो अलग-अलग चीजों को जोड़ने की यह तकनीक ही भारत को अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने में और चंद्रयान-4 परियोजना में मदद करेगी।

प्रोबा-3 मिशन की दी जानकारी

प्रोबा-3 मिशन के बारे में इसरो चीफ ने बताया कि यह मिशन हीलियोफिजिक्स (सूर्य और उसके ग्रहों का अध्ययन) के बारे में है और भारत में वैज्ञानिकों का एक मजबूत समूह है, जो यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। एक समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत इसरो के पीएसएलवी ने बृहस्पतिवार को ईएसए के दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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