अब पहले वाली बात नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अब किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं: एस जयशंकर

S Jaishankar : विदेश मंत्री ने कहा कि हर देश की अपनी चुनौतियां हैं और कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से समान महत्व वाली नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे न तो बाहर धकेला जा सकता है और न ही वह एक हद से अधिक सीमा को लांघने देगा।

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पुणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते विदेश मंत्री एस जयशंकर।

S Jaishankar : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि प्रतिष्ठित जी-20 समूह की अध्यक्षता देश की 'संपूर्ण विविधता' को दर्शाने का एक 'अनोखा अवसर' है क्योंकि इस दौरान प्रत्येक राज्य में करीब 200 बैठकें एवं सम्मेलन होंगे। विदेश मंत्री ने यह बात सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘फेस्टिवल ऑफ थिंकर्स’ को संबोधित करते हुए कहीं।

एक हद से अधिक सीमा लांघने नहीं देंगे-विदेश मंत्रीविदेश मंत्री ने कहा कि हर देश की अपनी चुनौतियां हैं और कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से समान महत्व वाली नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे न तो बाहर धकेला जा सकता है और न ही वह एक हद से अधिक सीमा को लांघने देगा। जयशंकर ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हमारी पश्चिमी सीमा पर लंबे समय से परीक्षा ली जा रही है। मैं समझता हूं कि चीजें इस बार थोड़ी अलग हैं और सभी लोग इस बात से सहमत होंगे। कुछ चीजें वर्ष 2016 और 2019 के बीच हुईं।’

'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत सब कुछ करेगा'उन्होंने कहा, ‘हमें उत्तरी सीमा पर भी परखा जा रहा है और भारत किस प्रकार से इस परीक्षा से बाहर आयेगा, यह मुकाबला करने की हमारी ताकत को प्रदर्शित करेगा।’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘आज हमारी छवि एक ऐसे देश की है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के संरक्षण के लिये सब कुछ करने को तैयार है। यह (भारत) काफी संयम रखने वाला देश है और यह ऐसा देश नहीं है जो दूसरों से लड़ता रहता है लेकिन यह ऐसा देश भी नहीं है जिसे बाहर धकेला जा सकता है। यह ऐसा देश है जो एक हद से अधिक सीमा को किसी को लांघने नहीं देगा।’

यूक्रेन युद्ध का जिक्र कियाउन्होंने कहा कि चूंकि यह ध्रुवों में विभाजित दुनिया है, ऐसे में देश आपको प्रभावित करने का प्रयास करेंगे, अपना आग्रह रखेंगे, कई बार कड़े शब्दों का प्रयोग करेंगे और ऐसे में आप किस प्रकार से अपने हितों को रखते हैं, ऐसे देशों के हितों को रखते हैं जिनकी ऐसी क्षमता नहीं है, जो आपकी है...यह आज देखा जा सकता है। यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस संघर्ष के कारण जिस प्रकार के दबाव आए, ऐसे क्षण भी आए जब हमारे स्वतंत्र भाव और विश्वास को परखने का प्रयास किया गया।’

उन्होंने कहा, ‘हमें एक स्वतंत्र और दूसरे के अधिकारों के लिये खड़े होने वाले के रूप में देखा जा रहा है और इसके साथ ही हम वैश्विक दक्षिण की आवाज भी बन रहे हैं।’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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