एस अब्दुल नजीर बने आंध्र प्रदेश के गवर्नर, रामजन्मभूमि और नोटबंदी के फैसले से खास नाता
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का गवर्नर बनाया गआ है। वो कर्नाटक के रहने वाले हैं। न्यायिक सेवा के दौरान अयोध्या राम जन्मभूमि और नोटबंदी के पक्ष में अहम फैसला सुनाया था।
सुप्रीम कोर्ट में जज रहे हैं जस्टिस एस अब्दुल नजीर
सुप्रीम कोर्ट में जज रहे जस्टिस एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। 5 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए और अपने विदाई समारोह में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या पर उनकी राय अलग रही होती तो अपने समाज में हीरो बन गए होते। लेकिन उन्होंने अपने समाज की जगह देश और संविधान को तवज्जो दी। उन्होंने कहा था कि देश के लिए सब कुछ न्योछावर है। बता दें कि 9 नंवबर 2019 को अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला देने वाली पीठ का वो हिस्सा थे। इसके साथ ही नोटबंदी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार सियासी लड़ाई के साथ साथ कानूनी लड़ाई का भी सामना कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना था कि नोटबंदी विधिसम्मत है या नहीं। फैसला सुनाने वाली पीठ में जस्टिस नजीर थे और उन्होंने कहा कि सभी साक्ष्यों से साफ है कि आरबीआई की सहमति के बाद ही नोटबंदी का फैसला लागू किया गया और वो देशहित में था।
कहां के रहने वाले हैं एस अब्दुल नजीर
कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिला के एक गांव में इनका जन्म हुआ था। स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान इनके पिता का निधन हो गया था और पूरे परिवार की जिम्मेदारी इनके कंधे पर आ गई। लेकिन पढ़ाई को नहीं छोड़ा। ग्रेजुएशन करने के बाद लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया। यहां उनके जीवन में दिलचस्प घटना ने दस्तक दी। उनके एक अध्यापक ने कहा कि अगर कोई शख्स कानून के पेशे में फिट नहीं बैठता है तो किसी भी पेशे में फिट नहीं हो सकता। इस लाइन का नजीर की जिंदगी पर गहरा असर पड़ा औकर उन्होंने ठान ली कि इस फील्ड में कुछ बेहतर कर जाना है। कर्नाटक की अदालत में प्रैक्टिस करते थे और देश के सर्वोच्च न्यायालय का हिस्सा बन गए।
न्यायिक क्षेत्र से इतर इन्होंने कई नाटक लिखे, संवाद लिखे और एक नाटक का निर्देशन किया और महिला कलाकार की भूमिका भी निभाई। 2017 में उन्हें जब सुप्रीम कोर्ट में काम करने का मौका मिसला तो उन्होंने महसूस किया कि महिला जजों की भारी कमी है और उस दिशा में कुछ काम भी किए। 5 जनवरी 2019 को जब वो रिटायर हुए तो चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है कि आपके सामने प्रैक्टिस नहीं कर सके। नजीर के बारे में कहा कि वो आम जन के जज हैं यहीं नहीं सिविल मामले में उनकी कोई सानी नहीं है।
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