यह 'नया भारत' है...Ban पर सीएम योगी की टिप्पणी, कांग्रेस MP बोले- प्रतिबंध उपाय नहीं, RSS पर भी लगे बैन
पीएफआई के ऑफिसों पर पिछले कई दिनों से एनआईए समेत राज्य की एजेंसियां भी छापे मार रही थी। इन छापों में कई सनसनीखेज 'आतंकी' दस्तावेज मिले थे। साथ ही 100 से ज्यादा पीएफआई के सदस्यों और नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई आतंकी गतिविधियों में भी पीएफआई का नाम सामने आया है।
- मोदी सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए लगाया बैन
- PFI पर आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का है आरोप
- कई मामलों में पीएफआई के नेताओं पर दोष हो चुके हैं सिद्ध
मोदी सरकार ने पीएफआई पर अगले पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। संगठन पर आरोप है कि वो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है। इस बैन से पहले देश भर में पीएफआई के ऑफिसों पर छापे मारे गए थे। बैन को लेकर अब राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। बीजेपी के नेता जहां इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं वहीं विपक्ष आरएसएस को भी इस मामले में खींच रहा है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बैन को लेकर कहा- "राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह 'नया भारत' है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।"
पीएफआई पर बैन लगते ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्विट कर कहा- "बाय बाय पीएफआई।" वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद्य ने कहा-"बहुत अच्छा फैसला है, पूरा देश इस फैसले का इंतजार कर रहा था।"
कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने इस बैन प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए। उन्होंने कहा- "हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। पीएफआई पर बैन कोई उपाय नहीं है, RSS भी पूरे देश में हिंदू साम्प्रदायिकता फैला रहा है। RSS और PFI दोनों समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। केवल पीएफआई ही क्यों?"
वीएचपी के प्रवक्ता ने इस कदम को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि ये फैसला देर से आया है, लेकिन सही आया है। VHP नेता डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा- "हमें इस कदम की बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी, हम फैसले का स्वागत करते हैं। मुझे लगता है कि इस बार वो चीज नहीं दोहराई जा सकेगी जो SIMI के समय हुई थी।"
वहीं भाजपा प्रवक्ता शहजाद जयहिंद ने विपक्ष से सवाल पूछते हुए कहा- "तुष्टिकरण की राजनीति के चलते PFI को संरक्षण देने वाले लोग क्या बैन का समर्थन करेंगे?"
इस बैन से एक दिन पहले सीपीआई (एम) ने मंगलवार को कहा था कि अगर बैन ही लगाना है तो सबसे पहले आरएसएस पर लगना चाहिए। केरल की सत्तारूढ़ माकपा ने कहा था किसी चरमपंथी संगठन या सांप्रदायिक ताकत पर प्रतिबंध लगाने से उसकी गतिविधियां खत्म नहीं होंगी और अगर ऐसा कदम उठाना है तो आरएसएस को सबसे पहले प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन का यह बयान उन खबरों के बीच आया था कि केंद्र सरकार, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने की योजना बना रही है।
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