संसद का विशेष सत्रः सामने आया एजेंडा, चार बिल होंगे पेश; कांग्रेस ने कहा- पर्दे के पीछे कुछ और है
Parliament's Special Session 2023: वैसे, सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Parliament's Special Session 2023: संसद के विशेष सत्र से जुड़ा एजेंडा (कार्य सूची) बुधवार (13 सितंबर, 2023) रात जारी किया गया। लोकसभा सचिवालय ने बुलेटिन जारी करते हुए बताया है कि पांच दिन के स्पेशल सेशन में क्या कुछ होगा। बुलेटिन के मुताबिक, 18 तारीख से शुरू होने वाले इस सत्र में संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 साल की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा होगी।
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बुलेटिन में आगे बताया गया कि इस चर्चा के अलावा चार विधेयकों का भी उल्लेख है, जिनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित एवं लोकसभा में पेडिंग हैं। वहीं, डाकघर विधेयक 2023 तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 लिस्ट है।
ये चार बिल होंगे पेशः1. The Advocates Amendment Bill
2. The Press and Registration of Periodicals Bill, 2023
3. The Post Office Bill, 2023
4. The Chief Election Commissioner and other Election Commissioners ( Appointment, conditions of service and Term of Office) Bill, 2023
वैसे, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों ने हाल में अपने बुलेटिन में कहा था कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा। सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा। सत्र आमतौर पर पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। सचिवालय सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा।
हालांकि, सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस बाबत सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर नाम से मशहूर) पर पोस्ट किया था, ‘‘इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। इस संबंध में आमंत्रण नेताओं को ई मेल से भेज दिया गया है। पत्र भी भेजे जाएंगे।’’
हालांकि, कांग्रेस के पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इसमें जो विषय शामिल किए गए हैं, उनके लिए शीतकालीन सत्र का भी इंतजार किया जा सकता था। यकीन है कि पर्दे के पीछे कुछ और है। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के घटक दल निर्वाचन विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे। बकौल रमेश, "मुझे यकीन है कि विधायी 'हथगोले' हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है!"
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