नींद से जागे झारखंड राजभवन, हमें सरकार बनाने के लिए किया जाए आमंत्रित..चंपई सोरेन का राज्यपाल पर निशाना

Jharkhand crisis: हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया।

Champai Soren

चंपई सोरेन

Jharkhand crisis: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी हलचल तेज है। हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के बुलावे का इंतजार है। इसमें हो रही देरी पर पार्टी ने नाराजगी जताई है। झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड राजभवन को नींद से जाग जाना चाहिए और हमें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार गठन के लिए राजभवन के निमंत्रण का इंतजार है। 81 सदस्यीय विधानसभा में हमें 47 विधायकों का समर्थन हासिल है।

हम 15-16 घंटे से इंतजार कर रहे हैं ...

चंपई सोरेन ने कहा कि राजभवन को नींद से जागना चाहिए। हम 15-16 घंटे से इंतजार कर रहे हैं जबकि अन्य राज्यों में सरकार बनाने के दावे और आमंत्रण के दो घंटे के भीतर शपथ दिला दी जाती है। वह जाहिर तौर पर बिहार का जिक्र कर रहे थे जहां जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसी दिन वह भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राजग के समर्थन से दोबारा मुख्यमंत्री बने।

चंपई सोरेन ने कहा, हमने कल राज्यपाल को 43 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा। अब हमें 47 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। एक शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह (मुख्यमंत्री के बिना कोई राज्य) एक संवैधानिक संकट है...यह अस्वभाविक है। यह पूछे जाने पर कि क्या कोई संवैधानिक संकट है, राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने सवाल किया, क्या संकट है?

क्या राष्ट्रपति शासन का इंतजार है: कांग्रेस

उधर, झामुमो के नेता चंपई सोरेन को सरकार के गठन के लिए अब तक आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन की भूमिका पर सवाल खड़े किए और कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि राष्ट्रपति शासन लगाने का इंतजार किया जा रहा है। पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पिछले दिनों बिहार में पलटू कुमार के इस्तीफा देने के कुछ देर बाद ही उन्हें शपथ दिलाई गई, लेकिन झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के पास 47-48 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन को शपथ के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह क्या सोच रहे हैं।

हेमंत सोरेन हुए गिरफ्तार

बता दें कि झामुमो के नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया। चंपई सोरेन ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने 47 विधायकों के समर्थन से झारखंड में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। सिंघवी ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, इस मामले का राजनीतिक आयाम बहुत ही भद्दा औेर निंदनीय है। कल राज्यपाल को विधायकों की सूची दी गई और सबको पता है कि 47-48 विधायकों का समर्थन है। अब तक राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए सोरेन को आमंत्रित नहीं किया।

सिंघवी बोले, बिहार में जब पलटू कुमार ने इस्तीफा दिया तो....

उन्होंने कहा, बिहार में पलटू कुमार ने जब इस्तीफा दिया तो उन्हें कुछ देर बाद ही शपथ दिलाई गई थी। यहां अब तक आमंत्रित नहीं किया गया। सिंघवी ने सवाल किया, आप (राज्यपाल) इंतजार क्यों कर रहे हैं? क्या आप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यालयों से दिशानिर्देश का इंतजार कर रहे हैं? क्या आप दलबदल करवाएंगे? क्या आप 47-48 के आंकड़े को बदलेंगे? उन्होंने दावा किया कि भाजपा के विश्वविद्यालय से विपक्षी सरकारों को गिराने और अपनी सरकार किसी भी तरीके से बनाने की पीएचडी की डिग्री दी जाती है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या राष्ट्रपति शासन लगाने का इंतजार कर रहे हैं हैं? देश जानना चाहता है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री क्या सोच रहे हैं? उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले विपक्ष मुक्त भारत का प्रयास हो रहा है, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलेगी।

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