मुलायम को तब वोट भी डालने दिया गया...इंदिरा ने हरवा दिया था चुनाव- किस्से का जिक्र कर बोले भाई राम गोपाल

सपा के प्रमुख महासचिव ने अपने भाई मुलायम को याद करते हुए कहा कि 'नेता जी' ने गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अगड़े वर्ग के कमजोर लोगों को स्वाभिमान से जीने का रास्ता दिखाया।

indira gandhi mulayam singh yadav

सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि जिन लोगों को कोई पूछता नहीं था, उन्हें सम्मान से जीने का हक नेताजी ने दिलाया। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव ने दावा किया है कि उनके भाई और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को कभी वोट तक डालने नहीं दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें यूपी विधानसभा चुनावों में सत्ता के बल पर चुनाव हरवा दिया था।

मंगलवार (22 नवंबर, 2022) को यूपी के सैफई में यादव की जयंती पर महोत्सव पंडाल में हुए 'धरती पुत्र दिवस' कार्यक्रम में उन्होंने कहा- 1979 में चौधरी चरण सिंह के इस्तीफा देने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में घाटमपुर से लेकर सहारनपुर तक की सारी 34 सीटें हमारी पार्टी के खाते में आ गई थीं। ऐसे में इंदिरा गांधी ने कहा था कि यह कौन है?...कैसे ऐसा हुआ कि हम सत्ता में आ गए और यहां सब सीटें हार गए। इस पर उनसे कहा गया कि मुलायम की वजह से ऐसा हुआ। इंदिरा ने इस पर कहा कि इसे विस चुनाव हरवा दो और उन्हें सरकार के बल पर जबरदस्ती चुनाव हरवा भी दिया था।''

रामगोपाल ने आगे दावा किया, ''यादव को वोट भी नहीं डालने दिया गया था। उन्हें सुबह ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने अपनी गाड़ी में बैठा लिया था।'' वैसे, भाई ने यह साफ नहीं किया कि वह किस चुनाव की बात कर रहे हैं, पर माना जा रहा है कि उनका इशारा 1980 के यूपी विस चुनाव की तरफ था, जब मुलायम को इटावा जिले की जसवंतनगर सीट पर कांग्रेस के बलराम सिंह यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited