'आगे आतंकी हमले को देश के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई मानेंगे', भारत ने किया साफ, बर्दाश्त नहीं करेंगे आतंकवाद

India Pakistan Ceasefire: पाकिस्तान के साथ शनिवार को सीजफायर तो लागू हो गया लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी। वह इसके साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। रिपोर्टों में सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया कि देश में आगे यदि कोई आतंकवादी हमला होता है तो भारत उसे 'युद्ध की कार्रवाई' मानते हुए इसके खिलाफ दंडात्मक कदम उठाएगा।

PM Modi

उच्चस्तरीय बैठक करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

India Pakistan Ceasefire: पाकिस्तान के साथ शनिवार को सीजफायर तो लागू हो गया लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई जारी रहेगी। वह इसके साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। रिपोर्टों में सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा गया कि देश में आगे यदि कोई आतंकवादी हमला होता है तो भारत उसे 'युद्ध की कार्रवाई' मानते हुए इसके खिलाफ दंडात्मक कदम उठाएगा। बता दें कि सात मई से भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही गोलीबारी शनिवार को रुक गई। इस सीजफायर के पीछे अमेरिका की मध्यस्थता रही।

'आतंकी घटना को युद्ध की कार्रवाई मानेंगे'

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि 'भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हुई है लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाए गए हैं, वे आगे भी जारी रहेंगे। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि भविष्य में आतंक की कोई घटना यदि होती है तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।'

एक स्पष्ट 'लक्ष्मण रेखा' खींचने की कोशिश

इस निर्णय के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ एक स्पष्ट 'लक्ष्मण रेखा' खींचने की कोशिश की है और यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी फिर से भारत को निशाना बनाते हैं, तो सरकार पहलगाम घटना के बाद जैसी ही सैन्य प्रतिक्रिया देगी। सरकार के इस निर्णय से भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया को औपचारिक रूप दिया गया है।

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा, 'भारत में भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकवादी कृत्य को देश के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसका जवाब उसी के अनुसार दिया जाएगा।'

आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए

इस कदम को पाकिस्तान के लिए कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जो भारतीयों को निशाना बनाने में शामिल विभिन्न आतंकवादी समूहों से जुड़ा हुआ है। यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच लिया गया। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे। सूत्र ने बताया कि दोनों देशों के बीच शत्रुता शुरू होने के बाद से मोदी ने सुरक्षा प्रतिष्ठान समेत कई उच्च स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की है, और यह निर्णय व्यापक विचार-विमर्श करके लिया गया।

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नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया

वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने पाकिस्तान से जुड़ी आतंकवादी घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया को काफी तेज किया है, जिसके तहत सशस्त्र बलों ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपने सबसे व्यापक हमले में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सात मई को पड़ोसी देश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। तब से पाकिस्तान ने भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने का प्रयास किया है। भारत ने कहा है कि उसने इन प्रयासों को विफल करते हुए इसका माकूल जवाब दिया है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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