गृह मंत्री अमित शाह। तस्वीर-PTI
Amit Shah : गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि 'भारत की इस धरती पर पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के हिंदुओं का उतना ही अधिकार है जितना कि किसी भारतीय नागरिक का।' हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण के एक कार्यक्रम में गृह मंत्री ने कहा कि 'सभी को यहां आने की जरूरत नहीं है लेकिन जिनके साथ अन्याय हुआ है, उनका यहां पर स्वागत है। जितना मेरा अधिकार इस देश की मिट्टी पर है, उतना ही अधिकार पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं का इस देश की मिट्टी पर है।'
शाह ने आगे कहा कि यदि सभी को यहां आने की इजाजत दे दी गई तो यह देश 'धर्मशाला' बन जाएगा। उन्होंने कहा, 'फिर एक शरणार्थी और एक घुसपैठिए में क्या अंतर रह जाएगा। अपना धर्म बचाने के लिए भारत आने वाले लोग शरणार्थी हैं। इनमें हिंदुओ, बौद्ध, सिख और ईसाई शामिल हैं। लेकिन जो लोग बिना किसी धार्मिक उत्पीड़न और अवैध तरीके से यहां आते हैं, वे घुसपैठिए हैं। यदि सभी को यहां आने की इजाजत दे दी जाती है तो यह देश धर्मशाला बन जाएगा।' शाह ने बताया कि घुसपैठ की वजह से कैसे भारत में आबादी का संतुलन बिगड़ गया है।
शाह ने कहा, 'मैं यह बिना हिचक के कहना चाहूंगा कि जब तक हर भारतीय घुसपैठ, डेमोग्रेफिक बदलाव और लोकतंत्र इन तीन चीजों को समझेगा नहीं तब तक हम अपने देश की सुरक्षा, संस्कृति, भाषा और आजादी को सुनिश्चित नहीं कर सकते। ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं।'
शाह ने आगे कहा कि 'जनगणना 1951, 1971, 1991 और 2011 में हुई। 1951 की जनगणना में देश में हिंदुओं की आबादी 84 प्रतिशत और मुस्लिमों की जनसंख्या 9.8 प्रतिशत थी। 1971 की जनगणना में हिंदू घटकर 82 प्रतिशत और मुस्लिम बढ़कर 11 प्रतिशत हो गए। 1991 में हिंदुओं की आबादी 81 प्रतिशत हो गई और मुस्लिमों की 12.12 प्रतिशत और 1991 में हिंदुओं की आबादी 89 प्रतिशत और मुस्लिमों की आबादी 14.2 प्रतिशत हो गई। मैं यहां केवल दो धर्मों की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं यहां घुसपैठ के बारे में बात करना चाहता हूं।'
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