विधानसभा चुनाव के नतीजे हमारे लिए संदेश, गलत बयानबाजी-अतिउत्साह ने डुबोई लुटिया; CWC मीटिंग में EVM पर लगे गंभीर आरोप
CWC Meeting: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्य समिति की बैठक में कहा कि हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे हमारे लिए संदेश हैं। आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है, जरूरी है कि हम सख्ती से अनुशासन का पालन करें और एकजुट रहें।
कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमिटी की बैठक
CWC Meeting: हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में मिली हार के बाद शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने आपसी गुटबाज़ी, एक दूसरे पर बयानबाज़ी को हार की वजह बताई। उन्होंने अपने ओपिनिंग रिमार्क में पार्टी की चुनावी राज्यो में हुई परफ़ॉर्मेंस पर बोलते हुए कहा कि हम माहौल को नतीजे में नहीं बदल पा रहे। इस बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पार्टी के कई अन्य नेता शामिल हुए। कांग्रेस कार्य समिति चुनाव नतीजों के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से जुड़े मुद्दे पर अपनी राय जाहिर कर सकती है। कांग्रेस और उसके सहयोगियों को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले उसे हरियाणा में भी आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा था। कार्य समिति की बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव तथा देश के कुछ अन्य राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
आपसी एकता की कमी-खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्य समिति की बैठक में कहा: हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है, ये नतीजे हमारे लिए संदेश हैं। आपसी एकता की कमी और एक-दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी हमें काफी नुकसान पहुंचाती है, जरूरी है कि हम सख्ती से अनुशासन का पालन करें और एकजुट रहें। हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए हर समय सफलता नहीं पा सकते, हमें समय से निर्णय लेने होंगे और जवाबदेही तय करनी होगी: कांग्रेस अध्यक्ष। कार्य समिति की बैठक में खरगे ने कहा कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है, महाराष्ट्र के परिणाम ऐसे हैं कि कोई भी अंकगणित इसे उचित ठहराने में असमर्थ है। हालिया विधानसभा चुनावों में हमें धक्का लगा है, इसीलिए हमें कठोर निर्णय लेने होंगे।
CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कही ये बड़ी बात
- 3 राज्यों के चुनावी नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। इडिया अलायंस (INDIA parties) ने 4 में से 2 राज्यों में सरकार बनाई। पर हमारा अपेक्षा से कम प्रदर्शन रहा। भविष्य के लिहाज से यह हमारे लिए चुनौती है।
- हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है। ये नतीजे हमारे लिए संदेश हैं।
- आपसी एकता की कमी और एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाती है। जब तक हम एक होकर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक दूसरे के ख़िलाफ़ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे?
- हम कठोरता से अनुशासन का पालन करें। हर हालत में एकजुट रहना है। पार्टी के पास अनुशासन का भी हथियार है, लेकिन हम नहीं चाहते कि अपने साथियों को किसी बंधन में डालें। इसलिए सबको ये सोचने की दरकार है कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है।
- चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था, लेकिन केवल माहौल पक्ष में होना भर जीत की गारंटी नहीं। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फायदा नहीं उठा पाते?
- हमें पर्याप्त मेहनत करने के साथ समयबद्ध तरीके से रणनीति बनानी होगी। हमें अपने संगठन को बूथ लेवल तक मजबूत करना होगा। हमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वोट की गिनती तक रात दिन सजग, सचेत और सावधान रहना होगा।
- राष्ट्रीय मुद्दों और शीर्ष नेताओं के सहारे राज्यों का चुनाव आप कब तक लड़ेंगे? हाल के चुनावी नतीजों का संकेत यह भी है कि हमें राज्यों में अपनी चुनाव की तैयारी कम से कम 1 साल पहले शुरू कर देनी चाहिए। हमारी टीम समय से पहले मैदान में मौजूद रहनी चाहिए। पहला काम मतदाता सूचियों की जांच करनी चाहिए ताकि हमारे पक्ष वालों के वोट हर हालत में सूची में बने रहें।
खरगे ने कहा कि मैं मानता हूं कि EVM ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा। पर देश में फ्री और फेयर चुनाव सुनिश्चित करवाना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है। सिर्फ 6 महीने पहले जिस तरह के नतीजे लोकसभा में MVA के पक्ष में आए थे, उसके बाद विधानसभा का नतीजा राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है। जैसे परिणाम आए हैं कि कोई भी अंकगणित इसे औचित्य करने में असमर्थ है।
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13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें
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