7 रेलवे प्रोजेक्ट: 9 राज्यों के 35 जिले शामिल, 7 करोड़ को मिलेगा रोजगार, जानिए हर डिटेल
इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की दूरी जुड़ने की उम्मीद है। सरकार ने यह भी बताया कि परियोजनाओं से 7.06 करोड़ को रोजगार मिलेगा।
रेलवे के 7 बड़े प्रोजेक्ट
Railway New Projects: देश में रेलवे नेटवर्क का लगातार विस्तार हो रहा है और केंद्र सरकार नई-नई परियोजनाएं बना रही है। बुधवार को सात नए प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले पर मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की दूरी जुड़ने की उम्मीद है। सरकार ने यह भी बताया कि परियोजनाओं से 7.06 करोड़ को रोजगार मिलेगा।
पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा
एक्स (ट्विटर) पर साझा किए गए एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा हैं और इसे केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्तीय सहायता मिलेगी। इस परियोजना में आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्यों के 35 से अधिक जिले शामिल हैं।
जानिए बड़ी बातें
- सरकारी बयान में कहा गया है कि परियोजनाओं से चयनित राज्यों में 7.06 करोड़ लोगों को दैनिक रोजगार मिलेगा।
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गोरखपुर-कैंट-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना नई दिल्ली-हावड़ा लाइन के विकल्प के रूप में पूर्वोत्तर राज्यों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाएगी।
- यह एनडीएलएस-हावड़ा लाइन की 8 समानांतर परियोजनाओं में से एक है, जो एक महत्वपूर्ण लिंक को पूरा करती है और नेपाल कनेक्टिविटी में सुधार करेगी।
- गुंटूर-बीबीनगर सिंह दोहरीकरण पहल चेन्नई और हैदराबाद के बीच बढ़ती मांग के मद्देनजर शुरू की जा रही है।
- 3,238 करोड़ के निवेश के साथ 239 किमी के खंड को कवर करते हुए यह प्रोजेक्ट चेन्नई-हैदराबाद की दूरी को 76 किमी कम करेगा और विजयवाड़ा के आसपास सुविधाओं को उन्नत करेगा। 280 किमी से अधिक लंबे चोपन-चुनार खंड की एक और दोहरीकरण प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिंगरौली में भीड़भाड़ को कम करना और रेल दक्षता को बढ़ाना है।
- सिकंदराबाद-बेंगलुरु रेल खंड उत्तर-दक्षिण ट्रेन परिचालन को बढ़ावा देगा और हैदराबाद-बेंगलुरु की दूरी 50 किमी कम कर देगा, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
- इसके अलावा, समखियाली-गांधीग्राम मार्ग का चौगुनाकरण WDFC को बंदरगाह क्षेत्र से जोड़ते हुए भुज के पास उभरते सीमेंट समूहों के लिए मददगार होगा। रेल मंत्री ने कहा कि यह श्रम गतिशीलता और नई ट्रेनों की क्षमता प्रदान करेगी।
- कटक से विजाग तक तीसरी लाइन की शुरुआत 5000 करोड़ की परियोजना क्षमता बढ़ाते हुए श्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
- ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर सोन नगर-अंडाल खंड के बीच मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना अभी डबल-लाइन वाले ट्रैक को चौगुना करेगी।
- 13,606 करोड़ के निवेश के साथ यह झारखंड से उत्तरी क्षेत्रों तक कोयला परिवहन और श्रम गतिशीलता को बढ़ाएगी।
होंगे ये फायदे वैष्णव ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजनाएं पूर्ण इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) दृष्टिकोण अपनाएंगी। इसका उद्देश्य परिचालन को सुव्यवस्थित करना, भीड़भाड़ को कम करना और सालाना लगभग 200 मिलियन टन की अतिरिक्त माल यातायात शुरू करना है।
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