सबके मन में यही सवाल, कौन बनेगा दिल्ली का CM? रेस में कई नाम लेकिन चौंका सकती है भगवा पार्टी
BJP Delhi CM Face: बात जब सीएम पद के लिए चेहरे के चुनाव की होती है तो भाजपा नेतृत्व अक्सर अपने फैसलों से चौंकाता है। मीडिया में चल रहे नाम धाराशाही हो जाते हैं और कोई नया नाम अचानक से आगे आ जाता है। तो क्या माना जाए कि दिल्ली में भी भाजपा आलाकमान कुछ इसी तरह का चौंकाने वाला फैसला करने वाला है। हो सकता है कि दिल्ली में भी चकाचौंध से दूर रहने वाले किसी लो प्रोफाइल वाले नेता का नाम सामने आ जाए।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
BJP Delhi CM Face: दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद जोरदार वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं है। कई नाम रेस में और चर्चा में हैं। अटकलों का बाजार गर्म है। जातिगत समीकरण, संगठन अनुभव, आरएसएस से करीबी इन सभी मानकों पर फिट बैठने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री पद की रेस में बताया जा रहा है। इस रेस में अब तक दर्जन भर कुछ नामचीन तो कुछ लो प्रोफाइल वाले नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। जाहिर है कि सीएम पद के चेहरे पर जब तक मुहर नहीं लगेगी तब तक अटकलों का बाजार गर्म रहेगा और नाम उछाले जाते रहेंगे।
बिना चेहरे के चुनाव लड़ती आई है BJP
ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भाजपा ने दिल्ली में सीएम का कोई चेहरा आगे नहीं किया था। चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा गया। अब चूंकि सीएम इन्हीं नेताओं में से किसी एक को चुनना है तो कयास भी लग रहे हैं। भाजपा बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ती रही है। बिना सीएम फेस के वह चुनाव जीतती और हारती भी रही है। 2017 में देश के सबसे बड़े सूबे और राजनीतिक रूप से सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में भी पार्टी ने कोई चेहरा नहीं दिया था। बावजूद इसके उसने बड़ी जीत दर्ज की। इसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी उसने बिना किसी सीएम चेहरे का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इन राज्यों में भी चुनाव जीतने के बाद सीएम फेस पर अटकलें लगती रहीं लेकिन महाराष्ट्र को छोड़कर राजस्तान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ऐसे चेहरे सीएम पद के लिए सामने आए जिनका नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में दूर-दूर तक नहीं था। मोहन यादव, विष्णु देव साय, मोहन यादव ओर मोहन चरण माझी ऐसे ही नाम हैं।
लो प्रोफाइल नेता भी बन सकता है CM
बात जब सीएम पद के लिए चेहरे के चुनाव की होती है तो भाजपा नेतृत्व अक्सर अपने फैसलों से चौंकाता है। मीडिया में चल रहे नाम धाराशाही हो जाते हैं और कोई नया नाम अचानक से आगे आ जाता है। तो क्या माना जाए कि दिल्ली में भी भाजपा आलाकमान कुछ इसी तरह का चौंकाने वाला फैसला करने वाला है। हो सकता है कि दिल्ली में भी चकाचौंध से दूर रहने वाले किसी लो प्रोफाइल वाले नेता का नाम सामने आ जाए। फिर भी मुख्यमंत्री पद की रेस में जो नाम चल रहे हैं, उन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। इन सभी नेताओं की अपनी एक जातिगत, सांगठनिक और एक मजबूत सियासी पृष्ठभूमि है जो इनके दावे को मजबूत करती है। तो यहां एक नजर दावेदारी वाले इन नेताओं पर डालेंगे जिनमें से किसी एक के हाथ दिल्ली की कमान आ सकती है।
यह भी पढ़ें- गल्फ ऑफ मैक्सिको अब इतिहास, गल्फ ऑफ अमेरिका नाम वाले फैसले पर ट्रंप ने किए हस्ताक्षर
प्रवेश वर्मा
तो इस रेस में सबसे आगे जो नाम है, वह प्रवेश सिंह वर्मा का है। प्रवेश वर्मा नई दिल्ली सीट से विधायक चुने गए हैं। इस सीट पर इन्होंने अरविंद केजरीवाल को 4,089 वोटों से हराया। प्रवेश पार्टी का पंजाबी और जाट चेहरा हैं। वह 'राष्ट्रीय स्वयं' नाम का एक सामाजिक सेवा संगठन भी चलाते हैं। प्रवेश दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता दिवंगत साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। प्रवेश ने साल 2013 में पहली बार चुनाव लड़ा और महरौली से विधायक बने। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने पश्चिमी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा और पांच लाख से भी ज्यादा वोट से जीत हासिल की। इसके बाद 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। एक्सपर्ट मानते हैं कि भाजपा ने अपनी इसी खास रणनीति के तहत उन्हें चुनाव नहीं लड़ाया। दिल्ली में चुनाव जीतने के बाद अमित शाह ने सबसे पहले मुलाकात के लिए प्रवेश को ही बुलाया। इससे सीएम पद के लिए प्रवेश की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
वीरेंद्र सचदेवा
सीएम पद के लिए रेस में दूसरा नाम वीरेंद्र सचदेवा का है। सचदेवा भारतीय जनता पार्टी दिल्ली इकाई के प्रदेश अध्यक्ष हैं। 1988 से राजनीति में सक्रिय सचदेवा भारतीय तीरंदाजी संघ के सचिव और कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2009 में वह प्रदेश मंत्री और 2017 में वह प्रदेश उपाध्यक्ष बने। वीरेंद्र सचदेवा लोकसभा चुनाव के पहले से ही आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे थे। सचदेवा संगठन के व्यक्ति माने जाते हैं। चूंकि दिल्ली का चुनाव उनके नेतृत्व में हुआ है, ऐसे में सचदेवा का दावा मजबूत माना जा रहा है।
मनजिंदर सिंह सिरसा
रेस में तीसरा नाम मनजिंदर सिंह सिरसा का है। सिख समुदाय में अच्छी पैठ रखने वाले बीजेपी नेता सिरसा पर भी पार्टी मुख्यमंत्री का दांव खेल सकती है क्योंकि बीजेपी के पास सिख समुदाय का कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है। सिरसा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। राजौरी गार्डन से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सिरसा पहले भी इसी सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। विश्लेषक मानते हैं कि दिल्ली में सिरसा भी बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं, ताकि उनके सहारे वो पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में सिख वोटर्स को लुभाने की तैयारी शुरू कर सके।
विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को भी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल बताया जा रहा है। गुप्ता बनिया समुदाय से आते हैं। दिल्ली में वैश्य समुदाय बड़ी संख्या में है। विजेंद्र गुप्ता लगातार चुनाव जीतकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। वह 2015 में उस समय भी जीते जब आम आदमी पार्टी 67 सीटों पर भाजपा तीन सीटों पर विजयी हुई थी। रोहिणी सीट से लगातार तीन चुनाव जीतकर उन्होंने हैट्रिक लगाई है। इस बार उन्होंने करीब 38 हजार वोटों से अपनी जीत दर्ज की है। गुप्ता बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के भी सदस्य हैं। विजेंद्र गुप्ता की राजनीतिक यात्रा 1997 से शुरू हुई और पहली बार दिल्ली नगर निगम के पार्षद चुने गए।
रेखा गुप्ता
सीएम पद की रेस में रेखा गुप्ता का भी नाम है। भारतीय जनता पार्टी अगर किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाने की राय रखती है तो वह पहली पंक्ति में शामिल हैं। रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग से करीब 30 हजार वोट से जीत दर्ज की है। इसी सीट पर 2020 में वह मामूली अंतर से चुनाव हार गई थीं। रेखा गुप्ता दिल्ली नगर निगम की पार्षद और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। हालांकि बीजेपी हमेशा अपने चयन से चौंकाती आई है। उसने हमेशा ऐसा नाम चुना है जो बहुत चर्चा में न रहा हो। वह दूर की राजनीति करती है। भविष्य की राजनीति साधने, बड़े नेताओं को असंतोष और गुटबाजी से दूर रखने के लिए वह साधारण विधायक के सिर पर भी सीएम ताज रख देती है। इस बार दिल्ली में क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

क्रुस्क इलाके में मोर्चा छोड़ भाग रहे यूक्रेनी सैनिक, बोले-हालात किसी 'हॉरर' मूवी से कम नहीं हैं

कैसे यूक्रेन के लिए बुरा साबित हुए जेलेंस्की, न नाटो की सदस्यता मिली न दुर्लभ खनिज बचा! रूस ने इलाकों पर कब्जा वो अलग!

बिहार में कांग्रेस का दलित दांव! चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष बदलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रही पार्टी

नेपाल में 17 साल में 14 बार बदली सरकार, नेताओं की नाकामी से उठी राजशाही की वापसी की मांग

कौन है अबू कताल जिसकी पाकिस्तान में हुई हत्या? राजौरी और रियासी आतंकी हमले में था हाथ
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited