US Presidential Election: राहुल गांधी की राह पर तो नहीं चली गईं कमला हैरिस, आखिर चुनाव में हार की वजह क्या रही?
US Presidential Election Result: कमला हैरिस को लेकर जिस तरह जीत की आशा लिए पूरी दुनिया अमेरिका के चुनाव को टकटकी लगाए देख रही थी, वहां अचानक से ऐसा क्या हुआ कि उनको हार का सामना करना पड़ा? ऐसा ही कुछ भारत में हाल के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के साथ भी हुआ था...
कमला हैरिस।
US Presidential Election Result: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद यह तो स्पष्ट हो गया कि 235 साल के इस सबसे पुराने लोकतंत्र को अभी भी एक महिला राष्ट्रपति पाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने इस व्यवस्था के इतिहास को बदलने से एक बार फिर रोक दिया है, यानी जो अमेरिका पूरी दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाता रहा, उसके 235 साल के इतिहास में आज तक सत्ता के शिखर पर कोई महिला विराजमान नहीं हो पाई है।
यूएस प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के नतीजों ने एक बार फिर देश में महिला राष्ट्रपति होने की संभावना को खत्म कर दिया। रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस की दौड़ में विजेता बनकर उभरे। जबकि, ड्रेमोक्रेट कमला हैरिस उनसे काफी पीछे रह गईं। 1788-89 में अमेरिका में पहला राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। अधिकांश इतिहासकार और लेखक मानते हैं कि विक्टोरिया वुडहुल 1872 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली महिला थीं। हालांकि, देश को पहली महिला राष्ट्रपति मिलने का इतंजार 235 वर्ष लंबा हो गया है। ऐसे में अमेरिका के सर्वोच्च पद पर किसी महिला का न होना देश के लोकतांत्रिक स्वरूप पर सवालिया निशाना खड़ा करता है।
ऐसे में सवाल यही है कि क्या अमेरिका का तथाकथित लोकतांत्रिक और आधुनिक समाज लैंगिक भेदभाव और पितृसत्ता को स्वीकार करता है। क्या वह यह मानता है कि सर्वोच्च पद किसी महिला को नहीं दिया जा सकता है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अमेरिकी लोकतंत्र को खोजने होंगे।
भारत के लोकसभा चुनाव जैसे दिखे अमेरिका के नतीजे
इस विषय पर भी गौर करना होगा कि आखिर कमला हैरिस को लेकर जिस तरह जीत की आशा लिए पूरी दुनिया अमेरिका के चुनाव को टकटकी लगाए देख रही थी, वहां अचानक से ऐसा क्या हुआ कि उनको हार का सामना करना पड़ा। ऐसा ही कुछ भारत में हाल के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के साथ भी हुआ। कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' और 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के साथ इतना आश्वस्त हो गई थी कि केंद्र की सत्ता पर विपक्षी गठबंधन ही काबिज होगा। राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार भी कांग्रेस की तरफ से कई बार बता दिया गया था। लेकिन, चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस 99 सीटों पर ही सिमट गई, कांग्रेस के नेता ऐसे जोश में नजर आने लगे मानो उन्हें सरकार गठन के लिए पूर्ण बहुमत मिल गया हो। राहुल गांधी और खासकर इंडी गठबंधन के सभी दल जिस तरह से चुनाव मैदान में थे, उससे ऐसा लगने लगा था कि यहां केंद्र में एनडीए की वापसी संभव नहीं है। लेकिन, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठबंधन ने अच्छी फाइट दी और एनडीए गठबंधन ने सत्ता में एक बार फिर से जगह बना ली।
राहुल गांधी की तरह दिखी कमला हैरिस की सियासत
अब भारत और अमेरिका के चुनाव पर एक बार नजर डालिए तो आपको लगेगा कि भाजपा के लिए जैसे राहुल गांधी रहे, वैसे ही अमेरिका में रिपब्लिकंस के लिए कमला हैरिस रहीं। वैसे तो नेता के तौर पर राहुल की 'भारत जोड़ो यात्रा' से लेकर जनसभाओं तक खूब भीड़ देखने को मिली, लेकिन यह भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो पाई। वहीं, अमेरिका में भी मतदाताओं के बीच कमला हैरिस की कम लोकप्रियता साफ दिखी, पेन्सिलवैनिया सहित सभी सात प्रमुख राज्यों में ऐसा ही नजर आया। वहां हुए सर्वे में तो कई राज्यों के वोटर्स ने कहा कि उन्हें कमला हैरिस के बारे में ज्यादा पता नहीं है। ऐसा कहने वालों में युवा मतदाता बड़ी संख्या में थे। ऐसे में जिस तरह भाजपा राहुल गांधी पर पूरे चुनाव के दौरान निशाना साधती रही। अमेरिका में चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में रिपब्लिकंस ने कमला के बारे में खूब नेगेटिव पब्लिसिटी की।
कमला के बयानों को ही रिपब्लिकंस ने बनाया हथियार
कमला हैरिस ने इसको खत्म करने के लिए कार्यक्रमों में अपने बारे में बात करनी शुरू की, अपने अतीत के बारे में और पसंद-नापसंद के बारे में बताना शुरू किया। डेट्रॉयट में एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों में कैलिफोर्निया में उन्होंने मैकडॉनल्ड्स में समर जॉब की थी और वह फ्रेंच फ्राइज तला करती थीं। तो, रिपब्लिकंस ने उनके इस बयान को हथियार बना लिया। जैसे हरियाणा चुनाव के समय राहुल गांधी के जलेबी वाले बयान पर भाजपाइयों ने उन्हें घेर लिया था। ठीक वैसे ही अमेरिका में प्रचार के क्रम में डोनाल्ड ट्रंप फिलाडेल्फिया में मैकडॉनल्ड्स के एक आउटलेट में चले गए। उन्होंने वहां फ्रेंच फ्राइज तला और कहा मुझे यह काम बड़ा पसंद है, मैं इसे ताउम्र करना चाहता था। उन्होंने हैरिस के मैकडॉनल्ड्स में काम करने के दावे को भी झूठ बताकर निशाना साधा। ऐसे में अमेरिकी चुनाव के नतीजे से यह साफ लगने लगा कि राहुल गांधी की राह पर कमला हैरिस चली गई हैं।
(आईएएनएस एजेंसी)
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