दिल्ली में BJP को ऐसे ही नही मिली जीत, RSS की 'खामोश नीति' ने पलटा खेल; समझिए पूरा समीकरण
दिल्ली में आरएसएस के खामोशी से किए गए प्रचार ने बीजेपी को जिताने में बड़ी भूमिका निभाई है। आरएसएस ने जिस तरह से रणनीति बनाकर लोगों तक पहुंची और आप की विफलताओं को उजागर किया, उससे बीजेपी को चुनाव में काफी फायदा हुआ।

दिल्ली में भाजपा की जीत में आरएसएस की भूमिका है बड़ी
दिल्ली में बीजेपी 27 सालों बाद जीती है, बीजेपी की दिल्ली जीत में आरएसएस की भी बड़ी भूमिका रही है। पर्दे के पीछे से रणनीति बनाना और फिर खामोशी से जनता के बीच पहुंचना, संघ की इस नीति से बीजेपी को काफी फायदा हुआ है। आरएसएस कई दिनों से इस काम में लगी थी, उसे कार्यकर्ता जनता से सीधे संवाध कर रहे थे और केजरीवाल सरकार की विफलताओं को उजागर कर रहे थे।
ये भी पढ़ें- सिर्फ 2 प्रतिशत वोटों का अंतर हुआ और BJP जीत गई AAP से 26 सीट ज्यादा, समझिए पूरा समीकरण
बीजेपी की जीत में आरएसएस की भूमिका
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान आरएसएस ने मतदाताओं को राष्ट्रीय राजधानी की प्रगति की खातिर एक ‘‘प्रभावी और जवाबदेह’’ सरकार चुनने के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास किया, जिससे चुनावों में भाजपा को शानदार जीत हासिल करने में मदद मिली। राजनीतिक दलों के जोर-शोर से किए गए चुनाव प्रचार के बीच आरएसएस स्वयंसेवकों ने खामोशी से ‘‘मतदाता जागरूकता’’ अभियान चलाया, जिसके तहत दिल्ली में ‘‘हजारों बैठकें’’ की गईं और इनमें स्वच्छता की कमी, पेयजल आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ वायु प्रदूषण और यमुना नदी की सफाई जैसे ‘‘जरूरी’’ सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा की गई।
अकेले द्वारका में 500 मीटिंग
सूत्रों ने बताया कि ऐसी बैठकों में आरएसएस ने ‘‘आम आदमी पार्टी (आप) के भ्रष्टाचार तथा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा 10 साल के शासन के दौरान किए गए कई वादों को पूरा नहीं करने’’ के मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि इन बैठकों में दिल्ली में अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। आरएसएस के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अकेले द्वारका में कम से कम 500 ‘ड्राइंग रूम’ (छोटे समूह की) बैठकें आयोजित की गईं।’’
खामोशी से प्रचार
सूत्रों के अनुसार, आरएसएस स्वयंसेवकों ने चुनाव से एक महीने पहले ही अपना अभियान शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी बैठकों में आरएसएस स्वयंसेवक केवल लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर प्रकाश डालते हैं और उन पर चर्चा करते हैं। वे उनसे किसी विशेष राजनीतिक दल के समर्थन में वोट डालने के लिए स्पष्ट रूप से नहीं कहते। लोगों को सिर्फ मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाता है और एक प्रभावी एवं जवाबदेह सरकार चुनने की खातिर वोट देने के लिए प्रेरित किया जाता है।’’
झुग्गी-झोपड़ियों तक पहुंची आरएसएस
उन्होंने कहा कि उन झुग्गी-झोपड़ियों और अनधिकृत मोहल्लों में भी छोटे-छोटे समूह की बैठकें आयोजित की गईं, जहां ‘आप’ को काफी समर्थन प्राप्त था। सूत्रों ने बताया कि आरएसएस कार्यकर्ताओं ने जागरूकता फैलाने के लिए इन क्षेत्रों में समान विचारधारा वाले व्यक्तियों और संगठनों के साथ भी हाथ मिलाया। भाजपा के वैचारिक स्रोत के रूप में आरएसएस को ऐसे मतदाता संपर्क अभियान चलाने के लिए जाना जाता है। दिल्ली में भाजपा ने आरएसएस के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि संघ श्रेय पाने के लिए काम नहीं करता और वह पर्दे के पीछे से काम करने में विश्वास रखता है।
लोकसभा चुनाव के बाद बदला प्लान
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन के बाद आरएसएस ने हरियाणा और महाराष्ट्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए इस तरह के अभियान शुरू किए। इन दोनों राज्यों में भाजपा ने हाल के महीनों में भारी जीत के साथ सत्ता बरकरार रखी है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें चुनाव से जुड़ी सभी छोटी बड़ी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। भारत के चुनाव (Elections) अपडेट और विधानसभा चुनाव के प्रमुख समाचार पाएं Times Now Navbharat पर सबसे पहले ।
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

Bihar Election: बिहार चुनाव को लेकर BJP की 26 मार्च को बड़ी बैठक, जेपी नड्डा रहेंगे मौजूद; दोनों डिप्टी सीएम भी होंगे शामिल

बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, शुरू की 'पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा'

Bihar Elections: पवन सिंह की पत्नी इस सीट से लड़ेंगी चुनाव; बोलीं- 'रिश्ते में निकालना पड़ता है समय'

Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव में VIP 60 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हुआ फैसला

Telangana MLC Elections: तेलंगाना एमएलसी चुनाव में भाजपा का परचम, संगठन की इस रणनीति से खिला कमल
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited