इलेक्शन

पातेपुर में किसकी होगी जीत? क्या भाजपा बचा पाएगी सीट या पलटेगा पासा और जलेगी 'लालटेन'

Patepur Vidhan Sabha Seat: पातेपुर विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला होने के आसार हैं। भाजपा ने पातेपुर से निवर्तमान विधायक लखेंद्र रौशन विधायक पर भरोसा जताया है, जबकि महागठबंधन समर्थित राजद ने प्रेमा चौधरी पर दांव लगाया और प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जनसुराज ने दासाई चौधरी को टिकट दिया है।

Patepur Vidhan Sabha Seat.

पातेपुर विधानसभा सीट

Patepur Assembly Election 2025: पातेपुर विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला होने के आसार हैं। भाजपा ने पातेपुर से निवर्तमान विधायक लखेंद्र रौशन विधायक पर भरोसा जताया है, जिन्होंने पिछले चुनाव में राजद उम्मीदवार को चुनावी शिकस्त दी थी। वहीं, महागठबंधन समर्थित राजद ने प्रेमा चौधरी पर दांव लगाया और प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जनसुराज ने दासाई चौधरी को टिकट दिया है।

वैशाली जिले में स्थित पातेपुर विधानसभा क्षेत्र अपने समृद्ध राजनीतिक इतिहास, कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट बिहार की सियासत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पातेपुर का गठन 1951 में हुआ था। 1952 से 2020 तक इस सीट ने 19 बार चुनाव देखे, जिसमें 1952 और 1991 के उपचुनाव शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: वैशाली में महागठबंधन की फ्रेंडली फाइट से जदयू को मिल सकता है फायदा, कांग्रेस-राजद दोनों ने ही उतारे कैंडिडेट

पातेपुर का चुनावी इतिहास

पातेपुर में कांग्रेस, राजद और जनता दल ने तीन-तीन बार, जबकि भाजपा, जनता पार्टी और संयुक्त समाजवादी पार्टी ने दो-दो बार जीत हासिल की। सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, सीपीआई और लोजपा ने एक-एक बार इस सीट पर कब्जा जमाया। वर्तमान में भाजपा के लखेंद्र रौशन विधायक हैं, जिन्होंने 2020 में राजद के शिवचंद्र राम को हराया था। इससे पहले 2015 में इस सीट पर राजद और 2010 के चुनाव में बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की थी। कुल मिलाकर बीते डेढ़ दशक में इस सीट पर बीजेपी और राजद उम्मीदवार में कड़ी टक्कर रही है।

पातेपुर का जातीय समीकरण

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 1985 के बाद के चुनावों में यह सीट कई बार कांग्रेस, जदयू, राजद, लोजपा और भाजपा के बीच पलटी। खास तौर पर प्रेमा चौधरी और महेंद्र बैठा जैसे नेताओं का इस सीट पर दबदबा रहा। पातेपुर में रविदास, पासवान, कुर्मी और कोरी मतदाता बहुसंख्यक हैं, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं।

पातेपुर की खेतिहर जमीन ने मजबूत की अर्थव्यवस्था

बूढ़ी गंडक और बाया नदियों के किनारे बसा यह क्षेत्र उपजाऊ भूमि के लिए प्रसिद्ध है। यहां धान, गेहूं और मक्का की खेती अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। स्थानीय बाजार के अलावा अनाज का व्यापार मुख्य रूप से महनार बाजार में होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की बात करें तो पातेपुर का श्रीराम-जानकी मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। यह मंदिर भव्य और प्राचीन है, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, मां जानकी और हनुमान की मूर्तियां स्थापित हैं। यह रामानंदी संप्रदाय के संतों के लिए भी तीर्थस्थल है। हर रामनवमी पर पातेपुर हाईस्कूल मैदान में एक माह तक मेला आयोजित होता है। इसके अलावा पातेपुर प्रखंड के डभैच्छ स्थित बाबा दरवेश्वरनाथ धाम लगभग पांच सौ साल पुराना है। यह तिरहुत, सारण और कोशी प्रमंडल में धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है।

यह भी पढ़ें: अबकी बार लालगंज से किसकी होगी जीत? लंदन रिटर्न Vs भाजपा विधायक के बीच कांटेदार मुकाबले के आसार

पातेपुर में कब होगा चुनाव

बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वाला है। पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर दिन गुरुवार को जनता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेगी। इसके बाद 11 नवंबर को दूसरे चरण और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें चुनाव से जुड़ी सभी छोटी बड़ी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। भारत के चुनाव (Elections) अपडेट और विधानसभा चुनाव के प्रमुख समाचार पाएं Times Now Navbharat पर सबसे पहले ।

लेटेस्ट न्यूज

अनुराग गुप्ता
अनुराग गुप्ता Author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कीबोर्ड पीट रहा हूं। परत-दर-परत खबरों को खंगालना और छानना आदतों में शुमार है। पत्रकारिता एवं जनसंच... और देखें

End of Article