वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे कब मनाया जाता है, क्या है इसका इतिहास, थीम और अब्दुल कलाम से कनेक्शन
World Student Day 2025: History, Theme, Significance in Hindi: विश्व छात्र दिवस हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती है। इस दिन विज्ञान, शिक्षा और सैन्य क्षेत्र में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के प्रयासों के सम्मान में मनाया जाता है। बैलिस्टिक मिसाइलों और प्रक्षेपण यान तकनीक के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें "भारत का मिसाइल मैन" उपनाम दिया गया था। आइए जानें विश्व छात्र दिवस के बारे में, इसकी शुरुआत, महत्व व इतिहास
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में
डॉ. कलाम का जन्म 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों में उन्होंने ऐसा महत्वपूर्ण योगदान दिया कि उन्हें "भारत के मिसाइल मैन" की उपाधि दी गई। शिक्षा के प्रति उनमें जबरदस्त समर्पण था, इसके अलावा उन्हें छात्रों से बातचीत करना भी पसंद था। उनका असली जुनून युवा पीढ़ी को पढ़ाना और उन्हें प्रेरित करना था।
कौन जानता था कि घर घर अखबार बाटने वाला लड़का अपनी कड़ी मेहनत के दम पर देश का राष्ट्रपति बन जाएगा। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। वे 2002 से 2007 तक इस पद पर रहे।
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस भी आज
लेकिन आज का दिन केवल 'विश्व छात्र दिवस' के रूप में नहीं जाना जाता है, बल्कि 'अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस' भी आज ही होता है। छात्र ध्यान दें, भारत में 15 अक्टूबर को 'विश्व छात्र दिवस' मनाया जाता है, वहीं संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर इस तिथि को 'अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस' के रूप में भी मान्यता दी है।
विश्व छात्र दिवस 2025 की थीम क्लियर नहीं है लेकिन पिछले साल की थीम थी - "Empowering Students as Agents of Innovation and Change," हिंदी में 'नवाचार और परिवर्तन के एजेंट के रूप में छात्रों को सशक्त बनाना' है। जबकि 2023 में थीम थी - "असफलता: सीखने का पहला प्रयास"।
यह इस बारे में बात करता है कि शिक्षा कैसे सभी के बेहतर भविष्य को आकार देने में मदद कर सकती है।
विश्व छात्र दिवस महत्व पूरी तरह छात्र जीवन से जुड़ा है: यह दिन बताता है छात्र जीवन का महत्व क्या है, ये बताता है कि छात्र ही भविष्य का समाज हैं, छात्र ही देश को नई दिशा देंगे। ये दिन शैक्षिक चुनौतियों पर भी प्रकाश डालता है।
संयुक्त राष्ट्र ने डॉ. कलाम के जन्मदिन के सम्मान में 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में घोषित किया, क्योंकि डॉ. कलाम छात्रों की दुनिया में सार्थक बदलाव लाने की क्षमता में विश्वास करते थे। इसके अलावा उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से मिसाइल और अंतरिक्ष अनुसंधान में ऐसा योगदान दिया, कि उन्हें 'Missile Man of India' का दर्जा मिल गया। बता दें, डॉ. कलाम ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ 40 से ज्यादा साल काम किया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा
डॉ. कलाम ने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया। 1998 में पोखरण-II परमाणु परीक्षणों के दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक भूमिका निभाई। 2005 में, उन्हें स्विट्जरलैंड में एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। उनकी यात्रा इतनी लोकप्रिय हुई कि उस कार्यक्रम को भारत में "विज्ञान दिवस" घोषित कर दिया गया। 2006 में, उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में कहा, "शिक्षकों को यह समझना होगा कि वे समाज के निर्माता हैं। एक अच्छे समाज का निर्माण तभी हो सकता है जब छात्रों के पास ज्ञान हो और वे अपने विषयों में पारंगत हों।"
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को मिलने वाले पुरस्कार
डॉ. अब्दुल कलाम एक बहुत ही विशिष्ट व्यक्ति थे। शिक्षा और देश के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले:
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