भारत के इस शहर में हैं 'मौत के होटल', जानें चेक इन करने के बाद क्यों नहीं होता यहां चेक आउट
भारत में एक शहर है, जो हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थस्थानों में से एक है। यह शहर दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है और यहां बहुत से लोग अपने अंतिम दिनों में रहने आते हैं। ताकि उन्हें इस शहर में मुक्ति मिले। इसलिए यहां कई मौत के होटल चल रहे हैं। आइए आपको बताएं -

भारत के इस शहर में हैं 'मौत के होटल
Varanasi: वाराणसी विश्व के सबसे पुराने शहरों में से एक है। हिंदुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहां दुनियाभर से लोग मोक्ष की तलाश में आते हैं। सर्दियों में वाराणसी में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है। वाराणसी को लेकर मान्यता है कि जो लोग वाराणसी में मरते हैं उन्हें तुरंत मुक्ति प्राप्त होती है और वह भगवान विष्णु से निवास बैकुंठ धाम पहुंचते हैं। यही कारण है कि कई हिंदू मोक्ष की प्राप्ति के लिए वाराणसी में अपनी अंतिम सांस लेने पहुंचते हैं। लोगों का मानना है कि वाराणसी की पवित्र भूमि पर अंतिम सांस लेना और मृत्यु प्राप्त करने से उन्हें उनके जीवन के उद्देश्य प्राप्त हो जाएगा।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि वाराणसी में ऐसे कई होटल चल रहे हैं जो विशेषकर उन लोगों के लिए हैं, जो अपनी अंतिम सांस वाराणसी में लेना चाहते हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा। वाराणसी में इस प्रकार के कई होटल चल रहे हैं, जहां लोग अपने जीवन के अंतिम दिनों में रहने आते हैं। ताकि उन्हें वाराणसी में मृत्यु प्राप्त हो और उन्हें तुरंत मुक्ति प्राप्त हो जाए। यह होटल अंतिम दिन बिताने वाले इच्छुक लोगों की सेवा करते हैं।
वाराणसी में मौत का होटल
हाल ही में सोशल मीडिया पर इस प्रकार के 'मौत के होटल' की कुछ झलक देखने को मिली है। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर ने वाराणसी की इस होटल की झलक लोगों के सामने पेश की। बता दें कि इन होटलों में लाइलाज बीमारी से पीड़ित लोग या जिन्हें एहसास हो जाता है कि पृथ्वी पर अब उनका समय सीमित है, वह अपने अंतिम दिनों में पवित्र शहर वाराणसी में समय बिताना पसंद करते हैं और मृत्यु का इंतजार करते हैं।
वाराणसी में जीवन के अंतिम दिन
जानकारी के अनुसार, इस प्रकार के होटल या लॉज 20 रुपये प्रतिदिन के अनुसार लोगों को आवास उपलब्ध कराते हैं। इसी प्रकार के एक होटल के मालिक ने बताया कि वाराणसी में स्थित उनका होटल लाइलाज और घातक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए मौत का इंतजार करने वाले कमरे के रूप में काम करता है। यहां रहने के लिए आने वाले अधिकतर मेहमान मरीज होते हैं, जिनके लिए डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी होती है और उनके पास सीमित समय होता है।
होटल के मालिक ने कहा कि होटल के कमरों में रहने के लिए लोगों को मात्र 20 रुपये प्रतिदिन किराया देना होता है। उन्होंने यह भी बताया की यहां कई ऐसे लोग हैं जो मृत्यु के इंतजार में 2 महीने से यहां रहे हैं। वाराणसी में इस प्रकार के होटलों की संख्या में इजाफा देखा गया है। हाल के दिनों में होटलों की संख्या बढ़ गई हैं।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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