रायपुर की धरती पर चंद्रमा जैसा एहसास, जीरो ग्रेविटी में हवा में उड़ेंगे लोग

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जल्द ही एक साइंस सिटी बसाई जाएगी। यहां लोग न सिर्फ चंद्रमा और अन्य तारों को करीब से देख पाएंगे, बल्कि जीरो ग्रेविटी का अनुभव भी कर पाएंगे। रायपुर में बनने वाली साइंस सिटी देश में अपनी तरह का छठा शहर होगा।

Zero Gravity

रायपुर में बनेगी साइंस सिटी

चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण यानी ग्रेविटी जीरो हो जाती है। ऐसा ही कुछ अंतरिक्ष स्टेशन में भी होता है, जहां पहुंचकर इंसान अपने पैरों पर नहीं चल सकता। बल्कि उसे जीरो ग्रैविटी में उड़ते हुए एक जगह से दूसरी जगह नेविगेट करना पड़ता है। अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देने के लिए नासा और दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां धरती पर ऐसे केंद्र बनाती हैं। ऐसा ही एक केंद्र छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी बन रहा है।

विज्ञान के क्षेत्र में राज्य को आगे बढ़ाने के मकसद से राज्य सरकार, केंद्र की मदद रायपुर में साइंस सिटी बनाने जा रही है। केंद्र की मदद से बनने वाली साइंस सिटी रायपुर देश की छठी साइंस सिटी होगी। साइंस सिटी रायपुर को बनाने में 232 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी, जिसका 60 फीसद खर्च केंद्र और 40 फीसद राज्य सरकार को वहन करना होगा।

देश में अब तक तीन साइंस सिटी हैं, जिन्हें स्वयं केंद्र सरकार ने विकसित किया है। कोलकाता, गुवाहाटी और देहरादून के बाद यह केंद्र द्वारा बनाई जाने वाली चौथी साइंस सिटी होगी। इनके अलावा अहमदाबाद और पंजाब में राज्य सरकार के मॉडल के तहत साइंस सिटी बनाई गई हैं।

साइंस सिटी बनाने के लिए फिलहाल जमीन की तलाश की जा रही है। इस साइंस सिटी के निर्माण के लिए करीब 35 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। सरकार ने इसके लिए 34.90 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुका नया रायपुर में ही इस साइंस सिटी को बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद इसके लिए टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत होगी।

साइंस सिटी बन जाने से भविष्य में छत्तीसगढ़ नई टेक्नोलॉजी के लिए लॉन्च पैड की तरह काम करेगा और यहां तकनीकी क्षेत्र को पंख लगेंगे। साइंस सिटी बन जाने के बाद लोग चंद्रग्रहण के साथ ही चंद्रमा और तारों को करीब से देख और उन पर रिसर्च भी कर पाएंगे। यहां एक हॉल भी तैयार किया जाएगा, जिसमें लोगों को चंद्रमा की ही तरह जीरो ग्रेविटी का एहसास कराया जाएगा। यहां पर लोग गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों को भी समझेंगे।

साल 2005 में पहली बार रायपुर में साइंससिटी बनाने का प्रस्ताव आया था। उस समय इसे सड्डू में बनाने का प्रस्ताव था। केंद्र और राज्य सरकार में बजट से जुड़ी अड़चनों की वजह से साइंस सिटी की परियोजना इतने वर्षों से लगातार लटकती चली गई।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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