Ganga Expressway Route map : मंजिल से ज्यादा खूबसूरत होंगी राहें, खुलने वाला है UP का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

Ganga Expressway Route map, Kab se Shuru Hoga Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे जल्द ही आम लोगों के लिए खुलने वाला है। 594 किलोमीटर लंबाई वाले इस एक्सप्रेसवे पर हवाई जहाज उतारने और उड़ान भरने के लिए रनवे भी बनाया गया है। तो आइये जानते हैं कि ये सड़क मार्ग कब खुलेगा और इसकी खासियतें क्या-क्या हैं?

Ganga Expressway Routemap

गंगा एक्सप्रेसवे

Ganga Expressway Kab se shuru hoga : सड़कें हमारा सफर आसान बनाती हैं और जब सड़कें उम्मीद के मुताबिक, बेहतर और गुणवत्ता वाली हों तो फिर यात्रा करना और भी सुगम हो जाता है। वर्तमान में सड़कों का प्रारूप बदल चुका है। वाहनों के बढ़ते बोझ से निपटने के लिए हाईवे से ज्यादा एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे अपने निर्माण के अंतिम चरण में है। इस हाई स्पीड सड़क मार्ग पर शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर की हवाई पट्टी भी बनाई गई है, जहां से किसी भी आपात स्थिति में भारतीय वायुसेना के विमान उड़ान और लैंड कर सकेंगे। मौजूदा वक्त पर एक्सप्रेसवे के 500 किमी हिस्से का कार्य पूरा हो चुका है। यूपी सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 (Prayagraj Mahakumbh 2025) से पहले इसे खोलने का टारगेट रखा है। इसके लिए हर स्तर पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। लिहाजा, आज हम आपको लेख के जरिए आपको इस हाई स्पीड सड़क मार्ग की खूबियों से रूबरू कराएंगे। साथ में ये भी बताएंगे ये यातायात के लिए कब खोला जाएगा और इसे बनाने में कितना खर्च आया है?

Ganaga Expressway Route Map: कहां-कहां से होकर गुजेगा एक्सप्रेसवे

  • मेरठ (Meerut)
  • हापुड़ (Hapur)
  • बुलंदशहर (Bulandshahr)
  • अमरोहा (Amroha)
  • संभल (Sambhal)
  • बदायूं (Badaun)
  • शाहजहांपुर ( Shahjahanpur)
  • हरदोई (Hardoi)
  • उन्नाव (Unnao)
  • रायबरेली (Raebareli)
  • प्रतापगढ़ (Pratapgarh)
गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga ExpressWay)
एक्सप्रेसवे की शुरुआत मेरठ से होकर प्रयागराज में जाकर खत्म हो रही है। इस बीच गंगा एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों को कवर करेगा। इस प्रोजेक्ट पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से खत्म करने की बात इसलिए भी चल रही है क्योंकि इसके रास्ते तीर्थ यात्रियों के लिए कुंभ पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। परंपरागत तरीके से 12 वर्षों के बाद साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है। लिहाजा, इसके काम में तेजी लाई जा रही है। कोशिश है कि भक्तों को प्रयाग पहुंचने में कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।

मेरठ से प्रयाग यात्रा का समय 8 घंटे

गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकें। इसके अलावा बीच-बीच में भी टोल प्लाजा होंगे, ताकि बीच में एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल वसूला जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा बनेंगे। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि, आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा।

इन धार्मिक स्थलों की पहुंच आसान करेगा गंगा एक्सप्रेसवे

गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा। इसका निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है। उधर, ये एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Purvanchal Expressway), यमुना एक्सप्रेसवे ( Yamuna Expressway) और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे ( Agra-Lucknow Expressway) को सीधे कनेक्ट करेगा। इधर, मेरठ में शहीद स्मारक के माध्यम से हापुड़ को गढ़मुक्तेश्वर (Hapur Garhmukteshwar) को जोड़ेगा। इसका अगला नोड बुलंदशहर होगा, जहां इसके किनारे औद्योगिक कॉरिडोर (Industrial Corridor) बनाया जाना है। बुलंदशहर से होकर ये एक्सप्रेसवे अमरोहा से होकर गुजरेगा और प्रसिद्ध वासुदेव मंदिर तक सुविधा मुहैया कराएगा। आगे संभल के कैलादेवी (Kaila Devi) से जुड़ जाएगा। आगे बदायूं तक बन रहा है। यहां यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के साथ-साथ हनुमंत धाम से जुड़ जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी से राष्ट्रीय राजधानी तक सीधी कनेक्टिविटी देगा। इसके बन जाने से प्रयागराज और दिल्ली के बीच यात्रा का समय 6 से 7 घंटे होने की उम्मीद है। फिलहाल, यात्रियों को दिल्ली से प्रयागराज पहुंचने में करीब 10 से 11 घंटे लगते हैं।

स्पीड के साथ उद्योग-धंधों को मिलेगी रफ्तार

फिलहाल, गंगा एक्सप्रेसवे पर अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे के हिसाब से वाहन दौड़ाए जाएंगे। यही कारण है मेरठ से प्रयागराज पहुंचने में महज 8 घंटे का समय खर्च होगा। गंगा एक्सप्रेसवे के साथ गंगा नदी (Ganga River) के साथ कॉरिडोर के कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इसके साथ कॉरिडोर पर पड़ने वाले इलाकों का विकास होगा। ये पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़कर सफर सुगम बनाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि के साथ पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। इसका असर स्थानीय रोजगार पर भी पड़ेगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उक्त जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। इसके निर्माण से प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।

एक्सप्रेसवे से जुड़े मुख्य बिंदु

जानकारीविवरण
एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी
परियोजना की लागत 40,000 करोड़
शुरुआती बिंदु बिजौली गांव (मेरठ)
अंतिम बिंदु जूडापुर दादू गांव (प्रयागराज)
सड़क लेन 6 से 8 तक विस्तार
निर्माणकर्ता कंपनी- UPEIDA
कार्य पूरा होने का समय 2024
एयर स्ट्रिप 3.5 किलोमीटर (शाहजहांपुर)

गंगा एक्सप्रेसवे के जानने योग्य बिंदु

  • नबंबर 2021 में गंगा एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी मिली।
  • 18 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शिलान्यास।
  • 22 जुलाई को गंगा एक्सप्रेसवे के खुदाई का कार्य आधा पूरा हुआ।
  • 11 अप्रैल 2022 को अडाणी समूह ने बदायूं से कार्य शुरू किया।
  • अडाणी इंटरप्राइजेज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर मिलकर निर्माण कर रहा है।
  • बिनावर से प्रयागराज के बीच तक का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और मेरठ के नगला बरहा तक IRB इंफ्रास्ट्रक्चर के पास ठेका है।
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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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