Navbharat Navnirman Manch पर बोलीं बेबी रानी मौर्य, महिलाओं में जन्म से ही मैनेजमेंट के गुण होते हैं
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नवभारत नवनिर्माण मंच का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में यूपी की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने महिला सशक्तिकरण पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने अपनी योजनाओं पर बात की और बताया कि कैसे महिलाएं पूरे परिवार की धुरी होती हैं।
बेबी रानी मौर्य ने महिला सशक्तिकरण पर रखी अपनी बात
महिलाओं में मैनेजमेंट गुण जन्मजातबेबी रानी मौर्य ने कहा कि महिलाओं में जन्म से ही मैनेजमेंट के गुण होते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही महिला पढ़ी-लिखी न हो, फिर भी वह चाहती है कि उसका बच्चा अच्छा पढ़े। शिक्षा अपनी जगह है, लेकिन महिला एक लक्ष्य बना लेती है तो फिर वह बिना शिक्षा के भी आगे बढ़ने में सक्षम होती है। उन्होंने कहा कि महिला पढ़ी लिखी हो या न हो, वह अपने घर को बहुत ही अच्छे से चलाती है, क्योंकि जन्म से ही उनमें मैनेजमेंट का गुण होता है।
महिलाओं को सशक्त बनाने की पहलउत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उनका विभाग लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने अपनी प्राथमिकता के बारे में बताया कि उनके विभाग का मकसद ही महिलाओं को समर्थ बनाना है और इसकी कोशिशें लगातार जारी हैं। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी और स्वयं सहायता समूह में बहने काम कर रही हैं और आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही हैं।
'पीएम मे दिया नारा'बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी सचेत रहते हैं। यह दोनों ही महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाने में सगे हैं। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी ने तो 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया है। अभी में कानपुर में थी तो इस नारे को और आगे बढ़ाकर बेटी कमाओ भी जोड़ दिया गया है।'
महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने दिया जाताकैबिनेट मंत्री ने बताया कि उनकी तो विधानसभा ही ग्रामीण है। ऐसे में जब वह मीटिंग करती हैं तो महिला प्रधान, सरपंच, प्रमुख आदि की जगह पर उनके पति मीटिंगों में आ जाते हैं। महिलाओं को पीछे करके उनके पति स्वयं को आगे कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में वह उनसे कहती हैं कि उन्हीं महिलाओं को मीटिंग में भेजें। प्रधान पति, प्रमुख पति या सरपंच पति को वह मीटिंग में नहीं आने देती हैं।
कुपोषण भी दूर कर रही महिलाएंबेबी रानी मौर्य ने एक प्रश्न के जवाब में बच्चों के कुपोषण के लिए महिलाएं के पिछड़ेपन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपनी समस्याएं और बीमारियों को छिपा लेती हैं, जिससे बच्चों में कुपोषण नजर आता है। अपनी जिम्मेदारियों के चलते महिलाएं ऐसा करती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाएं तो कैंसर जैसी बीमारियों तक को अपने परिवार से छिपा जाती हैं। लेकिन आंगवाड़ी कार्यकर्ता बहनों के जरिए जगह-जगह कैंप लगाए जा रहे हैं। उन्होंन कहा, 'महिला जागरुक होती है तो पूरा परिवार स्वस्थ रहता है और महिलाओं को जागरुक करने के लिए हर संभव कार्य किया जा रहा है।'
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