एंटी रोमियो स्क्वॉड से बेटियां हुईं सुरक्षित, तो UPSSF से इंडस्ट्री को दी सुरक्षा की गारंटी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानून व्यवस्था को लेकर काफी सख्त रवैया अपनाया है। बेटियों की सुरक्षा के लिए जहां सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वॉड तैनात किया, वहीं इंस्ट्रीज की सुरक्षा के लिए CISF की तर्ज पर UPSSF बनाई।

Anti romeo Squad and UPSSF.

कानून व्यवस्था पर यूपी सरकार का विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कानून व्यवस्था को लेकर काफी सख्त है। विशेषतौर पर राज्य की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यही कारण है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने जो एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने का वादा किया था, उसे योगी सरकार ने शपथ लेते ही पूरा किया। राज्य में स्कूल कॉलेजों के आसपास एंटी रोमियो स्क्वॉड को एक्शन में देखा जा सकता है। एंटी रोमियो स्क्वॉड की मौजूदगी स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों को सुरक्षित होने का एहसास देती है।

एंटी रोमियो स्क्वॉड की हर एक टीम में दो पुलिसकर्मी होते हैं, जिसमें से ज्यादातर में एक महिला और एक पुरुष कर्मी होता है। एक पुलिस थाने के अंतर्गत आमतौर पर दो से तीन एंटी रोमियो स्क्वॉड तैनात होते हैं। हालांकि, यह संख्या इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है कि क्षेत्र में कितने स्कूल और कॉलेज हैं। यह एंटी रोमियो स्क्वॉड स्कूलों, कालेजों और ऐसी जगहों पर तैनात रहते हैं, जहां पर महिलाओं की आवाजाही ज्यादा होती है। एंटी रोमियो स्क्वॉड की जिम्मेदारी महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले और भीड़ में मुसीबत खड़ी करने वाले शोहदों की पहचान करना है। एंटी रोमियो स्क्वॉड की टीम ऐसे इलाकों में वर्दी में घूमती है और कई बार जरूरत पड़ने पर आम नागरिक की तरह साधारण कपड़ों में भी मनचलों पर नकेल कसती है। मनचलों को कई बार चेतावनी देकर तो कभी उनके माता-पिता को उनकी हरकतों के बारे में बताकर और कभी उनके खिलाफ कार्रवाई करके यह टीम अपने काम को अंजाम देती है।

स्पेशल सिक्योरिटी फोर्सउत्तर प्रदेश में लगातार औद्योगिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। देश और दुनियाभर के बड़े-बड़े उद्योगपति उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। राज्य जैसे-जैसे विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बड़े सरकारी दफ्तर और इकाइयां भी यहां लग रही हैं। ऐसे में राज्य को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के भरोसे न रहना पड़े, इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने UPSSF का गठन किया है। उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर हुआ है।

कहां-कहां सुरक्षा देगा UPSSFUPSSF का गठन CISF की तर्ज पर हुआ है, इसलिए राज्य की औद्योगिक इकाइयों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी UPSSF की है। इसमें अदालतों, मेट्रो रेल, एयरपोर्ट, बैंक, अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं। मौजूदा समय में UPSSF लखनऊ मेट्रो, नोएडा मेट्रो और कानपुर मेट्रो की सुरक्षा में तैनात है। गोरखपुर, कुशीनगर, प्रयागराज, बरेली और गाजियाबाद एयरपोर्ट की सुरक्षा जिम्मेदारी भी UPSSF को दी गई है। उत्तर प्रदेश सचिवालय (लोक भवन) की सुरक्षा में भी UPSSF को लगाया गया है।

बिना वारंट गिरफ्तारी की शक्तिUPSSF को बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार है। UPSSF ऐसे किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है, जिस पर उन्हें शक हो या वह किसी तरह की आपराधिक गतिविधि में शामिल हो। UPSSF के जवान अपने नियंत्रण में आने वाले किसी भी प्रांगड़ में घुसने वाले व्यक्ति को बाहर कर सकते हैं।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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