कोलकाता

पश्चिमी बंगाल में कुदरत का कहर, मिरिक- दार्जिलिंग पहाड़ियों पर भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड, 24 लोगों की मौत, राहत बचाव कार्य जारी

पश्चिमी बंगाल के मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़िया पर रविवार को हुई भारी बारिश के कारण करीब सात जगह भूस्खलन हुआ। भूस्खलन में मलबे में दबने के कारण 24 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं। राहत बचाव कार्य अभी भी जारी है। मलबे में दबे लोगों को बचाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

Landslide

मिरिक- दार्जिलिंग पहाड़ियों पर भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड (फोटो - टाइम्स नाउ नवभारत)

पश्चिम बंगाल के मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़ियों में रविवार को लगातार बारिश के कारण हुए भारी भूस्खलन में 24 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए, दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया तथा सैकड़ों पर्यटकों के फंसे होने की खबर सामने आई है। एनडीआरएफ और बंगाल सरकार के दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है।

भूस्खलन में कई लोगों की मौत

न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा के अनुसार, निकटवर्ती जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया, “अब तक मिरिक, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी में कुल 24 लोगों की मौत हो चुकी है।” उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने जान-माल के नुकसान को दुखद बताया और कहा कि स्थिति “चिंताजनक” है। बता दें कि अभी राहत-बचाव कार्य जारी है। मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकलाने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि इस घटना में 24 कि मौत हो चुकी है और इस संख्या के बढ़ने की आशंका है।

एनडीआरएफ का अभियान जारी

दार्जिलिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा ने कहा कि "पहाड़ों की रानी" के रूप में प्रसिद्ध इस सुरम्य क्षेत्र में 35 स्थानों पर भूस्खलन की सूचना मिली है। एनडीआरएफ के बयान के अनुसार, भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मिरिक में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है और सात घायलों को क्षेत्र से बचा लिया गया है।

दार्जिलिंग में सात लोगों की मौत हो गई और पुलिस, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया टीमों की मदद से बचाव अभियान जारी है। निकटवर्ती जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए हैं। दार्जिलिंग उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने बताया “कल रात से हो रही भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग उपखंड में हुए भीषण भूस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई है। बचाव और राहत कार्य जारी है।”

पीएम मोदी ने जताया शोक

दुर्गा पूजा और पूजा के बाद के उत्सवों का आनंद लेने के लिए दार्जिलिंग की पहाड़ियों में आए सैकड़ों पर्यटक भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन के कारण फंस गए हैं। उनमें से कई, जिनमें कोलकाता और बंगाल के अन्य हिस्सों से आए परिवार और समूह शामिल थे, मिरिक, घूम और लेपचाजगत जैसे लोकप्रिय स्थानों पर जा रहे थे। पहाड़ियों पर शनिवार से ही बारिश हो रही थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह छह अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने मरने वालों का कोई आंकड़ा नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

धार गांव में मलबे में दबे 40 लोगों को बचाया गया

नागराकाटा के धार गांव में मलबे से कम से कम 40 लोगों को बचाया गया जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि उनके पास जानकारी है कि इस आपदा में 21 लोगों की जान चली गई। भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। टीवी9 बांग्ला समाचार चैनल से फोन पर बात करते हुए बनर्जी ने स्थिति को “गंभीर” बताया।

सीएम ममता बनर्जी के अनुसार, केवल 12 घंटे में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जिससे कम से कम सात जगहों पर भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुआ। उन्होंने इस स्थिति की तुलना पिछले महीने त्योहारों के मौसम में कोलकाता में आई भीषण बाढ़ से की। उन्होंने कहा कि “12 घंटे से लगातार भारी बारिश हो रही है। सात जगहों पर भूस्खलन हुआ है। मैं कड़ी नजर रख रही हूं और उम्मीद है कि सोमवार अपराह्न तीन बजे तक वहां पहुंच जाऊंगी।” भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करेगी और पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और वहां से निकलने की जल्दबाजी न करें।

कई पर्यटकों भूस्खलन में फंसे

सीएम ने बताया कि “कई पर्यटक फंसे हुए हैं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे हड़बड़ी न करें। कृपया जहां हैं वहीं रहें। होटल वालों को उनसे ज्यादा पैसे नहीं लेने चाहिए। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा।” बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकारी मुआवजा और उनके एक सदस्य को रोजगार मिलेगा। हालांकि उन्होंने राशि का जिक्र नहीं किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार हो रही बारिश के कारण बचाव कार्य में भारी बाधा आई है।

उन्होंने कहा, “यह इलाका फिसलन भरा है और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अब भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।” मिरिक में कई परिवारों को एहतियाती उपाय के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और जिला प्रशासन के समन्वय से अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दार्जिलिंग में पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से बहुत दुःख हुआ है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही, मिट्टी की नाजुक स्थिति के कारण और अधिक भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध पैदा होने की चेतावनी दी है। एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है और सिलीगुड़ी को मिरिक-दार्जिलिंग मार्ग से जोड़ने वाला एक लोहे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे इस क्षेत्र तक पहुंच बाधित हो गई है।

(इनपुट - भाषा)

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varsha kushwaha
varsha kushwaha Author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवंबर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डेवलप... और देखें

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