इकोनॉमी को फिर से बूस्ट करने आ रहा खड़गपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे, यहां बदल जाएंगे रफ्तार के मायने
Kharagpur-Siliguri Expressway: खड़गपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे या इकोनॉमी कॉरीडोर पश्चिम बंगाल के कई प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। यह 516 किलोमीटर लंबर एक्सप्रेस-वे खड़गपुर, घाटल, आरामबाग, बर्दवार, नबदविब, प्लासी, बेहरामपुर, फरक्का, मालदा, रायगंज, किशनगंज, इस्लामपुर और बागडोगरा को जोड़ेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दे दी है, जो भारतमाला प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा।
Kharagpur-Siliguri Expressway
Kharagpur-Siliguri Expressway: पश्चिम बंगाल कभी भारत की आर्थिक राजधानी हुआ करती थी। हालांकि, समय के साथ बहुत कुछ बदला और इकोनॉमी की रेस में पश्चिम बंगाल पिछड़ता चला गया। अब केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए नया प्लान तैयार किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने पश्चिम बंगाल में 516 किलोमीटर लंबे खड़गपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे मंजूरी दे दी है। यह आर्थिक गलियारा भारतमाला प्रोजेक्ट चरण- II का हिस्सा है, जो पश्चिम बंगाल के साथ-साथ भारत की इकोनॉमी को नई धार देने जा रहा है।
4 लेन का खड़गपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे या इकोनॉमी कॉरीडोर पश्चिम बंगाल के कई प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे खड़गपुर, घाटल, आरामबाग, बर्दवार, नबदविब, प्लासी, बेहरामपुर, फरक्का, मालदा, रायगंज, किशनगंज, इस्लामपुर और बागडोगरा को जोड़ेगा। इस 516 किलोमीटर लंबे इकोनॉमी कॉरीडोर में 230 किलोमीटर लंबा खड़गपुर-मोरग्राम एक्सप्रेसवे भी शामिल है, जिसे 12,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाना है।
पूर्वोत्तर भारत में बढ़ेगा इंपोर्ट-एक्सपोर्ट
खड़गपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे पश्चिम बंगाल से पूर्वोत्तर भारत में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। दरअसल, हल्दिया बंदरगार से सिलीगुड़ी और फिर पूर्वोत्तर भारत में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट होता है। हालांकि, हल्दिया बंदरगाह से सिलीगुड़ी का रास्ता काफी भीड़भाड़ भरा है, ऐसे में इसमें काफी समय लग जाता है। सिलीगुड़ी से खड़गपुर एक्सप्रेस-वे बनने से दोनों शहरों के बीच दूरी कम हो जाएगी और इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में भी तेजी आएगी।
किस प्रोजेक्ट के लिए कितनी लागत
प्रोजेक्ट | लागत |
88 किलोमीटर लंबा आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा | 4,613 करोड़ रुपये |
खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा | 10,247 करोड़ रुपये |
थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा | 10,534 करोड़ रुपये |
अयोध्या रिंग रोड | 3,935 करोड़ रुपये |
रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा | 4,473 करोड़ रुपये |
कानपुर रिंग रोड | 3,298 करोड़ रुपये |
121 किलोमीटर लंबा गुवाहाटी रिंग रोड | 5,729 करोड़ रुपये |
पुणे के पास 30 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ गलियारा | 7,827 करोड़ रुपये |
खड़गपुर से मोरग्राम के बीच घट जाएगा सफर
खड़गपुर-सिलीगुड़ी कॉरीडोर के तहत 230 किलोमीटर लंबे खड़गपुर-मोरग्राम एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद दोनों शहरों के बीच दूरी काफी कम हो जाएगी। अभी खड़गपुर से मोरग्राम के बीच मालवाहक वाहनों के लिए यात्रा समय 9 से 10 घंटे, जो घटकर 5 से 6 घंटे रह जाएगा। इससे लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी आएगी। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 10,247 करोड़ की लागत से किया जाना है। वहीं पूरा खड़गपुर से सिलीगुड़ी तक का एक्सप्रेस-वे 2028 तक बनकर तैयार होगा।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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