ईको-विलेज 2 सोसाइटी में अचानक दर्जनों बच्चे बीमार
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इकोविलेज-2 सोसाइटी में अचानक लोग बीमार पड़ रहे हैं, इसमें ज्यादातर बच्चे हैं। तेज बुखार, उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की समस्या सभी में कॉमन है। निवासियों का मानना है कि पानी में कोई गड़बड़ी है, जिसकी वजह से उन्हें इस तरह की समस्याएं हो रही हैं। डॉक्टर भी कुछ-कुछ इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 2-3 दिन में ही सोसाइटी में करीब 200 बच्चे और बड़े इन लक्षणों के साथ स्थानीय डॉक्टरों के पास पहुंच चुके हैं।
इको विलेज-2 के कुछ टावरों में यह समस्या ज्यादा है। इस संबंध में हमने सोसाइटी के B12A टावर निवासी अनुपम मिश्रा से बात की। उन्होंने बताया कि उनके बेटे को भी हाई ग्रेड फीवर और दस्त हुए, जिसके बाद वह बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर गए। अनुपम ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके बेटे के पेट में इंफेक्शन है और यह बाहर का खाने या पानी की वजह से हो सकता है। अनुपम ने बताया कि उन्होंने या उनके परिवार ने हाल के समय में बाहर खाना नहीं खाया है, हो न हो यह सोसाइटी में गंदे पानी की वजह से हो रहा है।
इको विलेज-2 के B3 टावर में भी कई लोग बीमार हैं। इस टावर में रहने वाले पवन मंडल की पत्नी और बेटा भी तेज बुखार, उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसा ही हाल इसी टावर में रहने वाले देव सिंह की चार साल की बेटी का है, जो अचानक उल्टियां करने लगी। देव का कहना है कि एक-दो दिन से उन्हें भी दस्त के लक्षण हैं। इसी टावर में रहने वाले रवि गुप्ता की बेटी और नवीन यादव की डेढ़ साल की बच्ची भी लगातार उल्टी, दस्त से परेशान है।
B3 टावर में ही रहने वाले उमानाथ सिंह का बेटा भी सोमवार को बुखार और पेट में दर्द के लक्षणों की वजह से स्कूल नहीं गया। सोसाइटी के अन्य बहुत से बच्चे सोमवार को स्कूल नहीं जा पाए। सोसाइटी के मार्ट में क्लीनिक चलाने वाले चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. जैतव्य कुशवाहा के पास अचानक बीमार बच्चों को लेकर आने वाले पैरेंट्स की भीड़ लग गई है। डॉ. कुशवाहा का कहना है सभी बच्चों में एक जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, ज्यादातर बच्चों में उल्टी और दस्त के लक्षण हैं।
B14 टावर में रहने वाले शशांक ने बताया कि उनके बच्चे की सेहत भी अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद कल रात भर उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। आज सोमवार को छुट्टी मिलने के बाद घर लाए तो उसके बाद भी बच्चा पेट में दर्द की शिकायत बता रहा रहा है। उनका शक भी दूषित पानी पर ही है, क्योंकि उन्हें भी डॉक्टर ने फूड पॉइजनिंग की बात कही है। वह प्रश्न कर रहे हैं कि इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए।
इस संबंध में हमने सोसाइटी के फैसिलिटी मैनेजर अजीम से बात की। उन्होंने बताया कि सभी वाटर सप्लाई और स्टोरेज टैंक चैक करवाए हैं। उनका कहना है कि उन्हें पानी में किसी तरह की कोई समस्या नजर नहीं आई। उन्होंने बताया कि कल सुबह पानी का लैब टेस्ट करवाएंगे। लैब टेस्ट की रिपोर्ट में अगर कुछ गड़बड़ पाई जाती है तो सभी टैंक को खाली करके फिर से भरा जाएगा।