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ये दिल्ली में धुआं-धुआं सा क्या है? IIT कानपुर बरसाएगी पानी; पॉल्यूशन पर अटैक करेगी क्लाउड सीडिंग

दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन से निपटने के लिए सरकार ने क्लाउट सीडिंग यानी कृत्रिम वर्षा की तैयारी कर ली है। दिवाली के बाद के इस प्रोजेक्ट को उतारने के लिए पायलटों ने सफलतापूर्वक चार दिनों का प्रशिक्षण और क्षेत्र परीक्षण पूरा कर लिया है।

Delhi Pollution

दिल्ली में क्लाउड सीडिंग (फोटो-Istock)

दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में जहर घुलता जा रहा है। अभी से पॉल्यूशन का लेकर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। लिहाजा, धूल और धुंध को शांत करने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि शहर की क्लाउड-सीडिंग परियोजना के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं, और पायलटों ने सफलतापूर्वक चार दिनों का प्रशिक्षण और क्षेत्र परीक्षण पूरा कर लिया है। कृत्रिम बारिश का संचालन मौसम विभाग द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद शुरू होने की उम्मीद है, जो दिवाली के दो से तीन दिनों के भीतर, बादल की स्थिति के आधार पर होने की संभावना है।

सिरसा के अनुसार, टीम मंजूरी मिलने के तीन घंटे के भीतर ऑपरेशन शुरू कर सकती है। उन्होंने बताया कि दोनों पायलटों ने विमान और इलाके से खुद को चिन्हित करने के लिए अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में परीक्षण किया है। पिछले चार दिनों का प्रशिक्षण सफल रहा। एक बार मौसम विभाग हरी झंडी दे देता है तो क्लाउड सीडिंग का एक नमूना लिया जाएगा। यह ऑपरेशन दिवाली के अगले दिन या अनुमति मिलते ही किया जाएगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले दिनों मौसमी गतिविधियां होने के कारण दिल्ली के पहले कृत्रिम बारिश परीक्षण को आयोजन को आगे के लिए बढ़ा दिया गया था।क्लाउड-सीडिंग उपकरण से लैस विमान 7 अक्टूबर को मेरठ में तैयार था, लेकिन उससे पहले ही बारिश शुरू हो गई, जिससे इतने दिन इंतजार करना पड़ा। सिरसा ने जोर देकर कहा कि सटीक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए प्रयोग शुष्क और स्थिर मौसम की स्थिति में किया जाएगा।

आईआईटी कानपुर के सहयोग से दिल्ली में कम होगा पॉल्यूशन

यह पहल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है, जिसका उद्देश्य यह आकलन करना है कि क्या क्लाउड सीडिंग प्रदूषकों को फैलाने और दिल्ली के चरम प्रदूषण अवधि के दौरान स्मॉग को कम करने में मदद कर सकती है। सरकार ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में किए जाने वाले ऐसे पांच परीक्षणों के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित 23 विभागों से मंजूरी मिल गई है। आईआईटी कानपुर को पहले ही धन हस्तांतरित कर दिया गया है, जो संचालन के लिए अपने विमान को तैनात करेगा।

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Pushpendra Kumar
Pushpendra Kumar Author

गंगा यमुना के दोआब में स्थित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से ताल्लुक है। गांव की गलियों में बचपन बीता और अब दिल्ली-एनसीआर में करियर की आपधापी जारी है।... और देखें

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