निर्मला सीतारमण (PTI)
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत वैश्विक मंच पर आज एक तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और शीघ्र ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीतारमण ने यहां दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज अपनी आर्थिक ताकत के दम पर अपने पैरों पर खड़ा है। उन्होंने कहा, हमें जो सबसे अलग बनाता है, वह 2014 में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अब पांचवीं और फिर चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। संभवतः जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अब तक 2.5 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी की स्थिति से बाहर निकालने में सफल रही है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन-स्तर जैसे कई मानदंड शामिल होते हैं। वित्त मंत्री ने बैंकों की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बहीखाते सात-आठ साल पहले की दोहरी बहीखाता समस्या की तुलना में काफी मजबूत हो चुके हैं। दोहरी बहीखाता समस्या का मतलब बैंकों और उद्योगों दोनों पर भारी वित्तीय दबाव होने से है। इसमें जहां अधिक कर्ज के कारण कंपनियां ऋण चुकाने में चूक करती हैं, वहीं इससे बैंकों का एनपीए बढ़ता है।
इसके साथ ही सीतारमण ने भरोसा जताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 4.4 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहेगी। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत यानी 15.69 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है।
अपने भाषण में सीतारमण ने कहा कि नागरिकों को खुद पर और देश की अर्थव्यवस्था पर विश्वास रखना चाहिए। हमें उन लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए जो कहते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था ठीक नहीं है। 140 करोड़ लोगों के देश को कौन बता सकता है कि हमारी अर्थव्यवस्था मृतप्राय है? बाहर के लोगों का हम पर ताना मारना ठीक है, लेकिन देश के लोगों को अपने ही लोगों के प्रयासों और उपलब्धियों की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए।
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