फ्यूचर एंड ऑप्शन पर सेबी रिपोर्ट
SEBI F&O: वायदा एवं विकल्प कैटेगरी (Future And Option)में बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 91 प्रतिशत यानी 73 लाख आम निवेशकों को नुकसान हुआ है। इन कारोबारियों को औसतन 1.2 लाख रुपये प्रति व्यक्ति का शुद्ध घाटा हुआ। बाजार नियामक सेबी की जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इसके अलावा, वायदा एवं विकल्प कैटेगरी से जुड़े एक करोड़ से अधिक व्यक्तिगत कारोबारियों में से 93 प्रतिशत को तीन साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्रति कारोबारी औसतन लगभग दो लाख रुपये (लेन-देन लागत सहित) का नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान ऐसे कारोबारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।वित्त वर्ष 2023-24 में ही कुल मिलाकर लगभग 75,000 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
घाटे का सौदा
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्ययन में पाया गया कि घाटा उठाने वाले शीर्ष 3.5 प्रतिशत... लगभग चार लाख कारोबिारियों... को लेनदेन लागत सहित उसी अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति औसतन 28 लाख रुपये का नुकसान हुआ।दूसरी ओर, केवल 7.2 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों ने तीन साल की अवधि में लाभ कमाया और केवल एक प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारी लेनदेन लागत के समायोजन के बाद एक लाख रुपये से अधिक मुनाफा कमाने में कामयाब रहे।इसके अलावा, खुदरा काराबारियों या व्यक्तिगत कारोबारियों की संख्या दो साल में लगभग दोगुनी होकर वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 96 लाख हो गई जो 2021-22 में करीब 51 लाख थी।हालांकि, ऐसे निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल कारोबार में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान दिया।
नुकसान का खतरा
इससे पहले सेबी ने जनवरी, 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें पाया गया कि इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में 89 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपना पैसा गंवाया। रिपोर्ट के अनुसार, जहां व्यक्तियों को वायदा एवं विकल्प खंड में नुकसान हुआ, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और वित्तीय संस्थानों ने लाभ कमाया। वित्तीय इकाइयों ने वित्त वर्ष 2023-24 में वायदा एवं विकल्प खंड में लगभग 33,000 करोड़ रुपये का सकल मुनाफा कमाया। उसके बाद एफपीआई का स्थान रहा जिसने लगभग 28,000 करोड़ रुपये का सकल मुनाफा कमाया।इसके विपरीत, व्यक्तियों और अन्य लोगों को वित्त वर्ष 2023-24 में (लेन-देन लागत के हिसाब से पहले) 61,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। आबादी के हिसाब से युवा कारोबारियों (30 वर्ष से कम आयु) की भागीदारी वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 43 प्रतिशत हो गयी जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 31 प्रतिशत थी।इनमें से लगभग 93 प्रतिशत युवा कारोबारियों को वित्त वर्ष 2023-24 में वायदा एवं विकल्प खंड में घाटा हुआ।